New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 14th July 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 14th July 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM

भारत में पहली बार ऑरोरा की घटना 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए - ऑरोरा
मुख्य परीक्षा के लिए : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3 - अंतरिक्ष

सन्दर्भ 

  • हाल ही में, भारत में पहली बार ऑरोरा की घटना देखी गयी।

Aurora

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • ऑरोरा की घटना, आमतौर पर अलास्का, नॉर्वे और अन्य देशों के कुछ हिस्सों में अधिक ऊंचाई पर देखी जाती है।
  • यह पहली बार था, जब भारतीय खगोलीय वेधशाला द्वारा भारत में  ऑरोरा  की घटना को कैमरे में कैद किया गया था।

ऑरोरा

  • दक्षिणी और उत्तरी ध्रुव पर सामान्यतः रात में या सुबह होने से ठीक पहले दिखाई देने वाले हरे, लाल और नीले रंगों के मिश्रित प्रकाश को 'ऑरोरा' कहते हैं। 
  • सूर्य की सतह से आवेशित कण (सौर हवा) जब पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं तो ऑरोरा की उत्पत्ति होती है। 
  • पृथ्वी की ओर तीव्र गति से चलने वाली सौर पवन सूर्य के चुम्बकीय क्षेत्र को भी अपने साथ ले जाती है, जो मैग्नेटोस्फीयर को बाधित करता है। इससे 'ऑरोरल सबस्टॉर्म' उत्पन्न होता है।
  • मैग्नेटोस्फेयर में विशेष प्रकार की प्लाज़्मा तरंगें (कोरस तरंग) उत्पन्न होती हैं। इन तरंगों के कारण मैग्नेटोस्फेयर में इलेक्ट्रॉन की वर्षा होती है, जिससे ध्रुवों पर मिश्रित रंगों के प्रकाश की उत्पत्ति होती है।
  • ’मैग्नेटोस्फेयर’ के इलैक्ट्रिक कण पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र से नियंत्रित होते हैं। जब सूर्य का चुम्बकीय क्षेत्र पृथ्वी के निकट पहुँचता है तो ध्रुवों के समीप उत्पन्न सुरक्षात्मक चुम्बकीय क्षेत्र उसे विक्षेपित कर देता है। इससे उत्तर और दक्षिण ध्रुवों पर इलेक्ट्रॉन और प्लाज़्मा तरंगों के परस्पर सम्मिलन से प्रकाश किरणें दिखाई देती हैं।
  • ध्रुवों के समीप इसकी उत्पत्ति के कारण उत्तरी अक्षांशों में इसे 'ऑरोरा बोरियालिस' (Aurora Borealis) तथा दक्षिणी अक्षांशों में 'ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस' (Aurora Australis) के नाम से जाना जाता है।
  • ऑरोरा बोरियालिस को अमेरिका (अलास्का), कनाडा, आइसलैंड, ग्रीनलैंड, नॉर्वे, स्वीडन और फिनलैंड से, जबकि ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस को अंटार्कटिका, चिली, अर्जेंटीना, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में उच्च अक्षांश में देखा जा सकता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR