(प्रारंभिक परीक्षा : समसामयिक घटनाक्रम, विश्व का भूगोल) (मुख्य परीक्षा प्रश्न पत्र 3: आपदा और आपदा प्रबंधन।) |
संदर्भ
28 मई, 2025 को, दक्षिणी स्विट्जरलैंड के लॉट्सचेंटल घाटी में स्थित अल्पाइन गांव ‘ब्लाटेन’ में बर्च ग्लेशियर का एक विशाल हिस्सा टूटकर पहाड़ी ढलान से नीचे फिसल गया, जिसके कारण गाँव का लगभग 90% हिस्सा मलबे में दब गया है।
ब्लाटेन भूस्खलन के कारण
ब्लाटेन में भूस्खलन बर्च ग्लेशियर की अस्थिरता के कारण हुआ, जिसे जलवायु परिवर्तन से जोड़ा गया है। इसके लिए निम्नलिखित कारक जिम्मेदार रहे:
- ग्लेशियर पीछे हटना और पर्माफ्रॉस्ट का पिघलना : वैश्विक तापमान में वृद्धि ने स्विट्जरलैंड में ग्लेशियर्स के पीछे हटने को तेज कर दिया है। उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पर्माफ्रॉस्ट, जो चट्टानों और मिट्टी को बांधे रखता है, के पिघलने से ढलान की स्थिरता कम हो गई है।
- हालांकि ब्लाटेन में, आपदा से दो सप्ताह पहले वैज्ञानिकों ने बर्च ग्लेशियर के ऊपर चट्टानों की अस्थिरता देखी थी, जहां चट्टानें टूटकर ग्लेशियर पर जमा हो रही थीं।
- पानी का बढ़ता रिसाव : उच्च तापमान के कारण बर्फ और हिमपात के पिघलने से पानी की उपलब्धता बढ़ गई है, साथ ही वर्षा की मात्रा में भी वृद्धि हुई है। जिसके कारण अपक्षय की प्रक्रिया में वृद्धि के कारण क्षरण को बढ़ावा मिलता है।
- जलवायु परिवर्तन की भूमिका : भौतिक भूगोलवेत्ता और रिमोट सेंसिंग विशेषज्ञ मायलेन जैकमार्ट के अनुसार, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इस आपदा को पूरी तरह जलवायु परिवर्तन से जोड़ा जा सकता है, लेकिन बढ़ता तापमान उच्च-ऊंचाई वाले परिदृश्यों को और अधिक अस्थिर बना रहा है। बर्फ और हिमपात के पिघलने और बारिश में वृद्धि ने इस प्रक्रिया को और तेज किया है।
ब्लाटेन आपदा का प्रभाव
- आपदा पूर्व सुरक्षा उपायों के कारण मानवीय क्षति लगभग शून्य रही है।
- गांव का 90% हिस्सा मलबे के नीचे दब गया, जिससे स्थानीय बुनियादी ढांचा, घर और आजीविका नष्ट हो गई।
- यह क्षेत्र, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन के लिए जाना जाता है, अब आर्थिक पुनर्बहाली के लिए लंबे समय तक संघर्ष करेगा।
पर्यावरणीय जोखिम
- भूस्खलन के मलबे ने लोनजा नदी के प्रवाह को अवरुद्ध कर दिया, जिससे एक कृत्रिम झील बन गई है।
- यह झील प्रति घंटे 80 सेंटीमीटर की दर से भर रही है।
- यदि मलबे का अवरोध टूटता है, तो लोनजा घाटी में बड़े पैमाने पर बाढ़ का खतरा है जो आसपास के क्षेत्रों पर नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
नीतिगत निहितार्थ
- आपदा प्रबंधन: ब्लाटेन में समय पर निकासी से बड़े पैमाने पर हताहतों से बचा गया, जो प्रभावी आपदा प्रबंधन का उदाहरण है।
- हालांकि, लोन्जा नदी पर बने मलबे के अवरोध और संभावित बाढ़ का खतरा यह दर्शाता है कि आपदा प्रबंधन में निरंतर निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।
- जलवायु परिवर्तन अनुकूलन: ग्लेशियरों के पीछे हटने और पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने से अल्पाइन क्षेत्रों में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है।
- सरकारों को बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, जोखिम वाले क्षेत्रों में निगरानी प्रणालियों को बढ़ाने और प्रभावित समुदायों के लिए पुनर्वास योजनाओं को लागू करने की आवश्यकता है।
- वैश्विक सहयोग: जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक चुनौती है। ब्लाटेन की घटना भारत जैसे देशों के लिए भी प्रासंगिक है, जहां हिमालयी क्षेत्रों में ग्लेशियर पिघलने और भूस्खलन का खतरा बढ़ रहा है।
- जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग, जैसे पेरिस समझौता, को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
- सतत विकास: ब्लाटेन जैसे पर्यटन-निर्भर क्षेत्रों में आपदाओं से आर्थिक स्थिरता प्रभावित होती है।
- सतत विकास के लिए जलवायु-लचीले बुनियादी ढांचे और वैकल्पिक आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देना आवश्यक है।
निष्कर्ष
ब्लाटेन भूस्खलन जलवायु परिवर्तन के कारण उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बढ़ते जोखिमों का एक गंभीर अनुस्मारक है। यह आपदा न केवल तत्काल राहत और पुनर्वास की आवश्यकता को उजागर करती है, बल्कि दीर्घकालिक जलवायु अनुकूलन और आपदा प्रबंधन रणनीतियों की तत्काल आवश्यकता को भी रेखांकित करती है।
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स्विट्ज़रलैंड के बारे में

- परिचय : यह पश्चिमी यूरोप में अवस्थित एक स्थलआबद्ध (Landlocked) देश है।
- राजधानी : बर्न (Bern)
- सबसे बड़ा शहर : ज्यूरिख (Zurich)
- सीमाएं : कुल 5 देशों के साथ सीमा साझा करता है।
- जर्मनी, फ्रांस, इटली, ऑस्ट्रिया, लिंचेसटाईन
- भौगोलिक विशेषताएं
- इसके दक्षिण में आल्प्स एवं पश्चिम में जुरा पर्वत स्थित है।ये दोनों ही वलित पर्वत के उदाहरण हैं।
- आल्प्स,यूरोप की सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है इसका सबसे ऊँचा शिखर मॉन्ट ब्लांक (Mont Blanc)।
- जूरा पर्वतमाला मुख्यतः फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड और जर्मनी की सीमा पर स्थित है।
- प्रमुख नदियां : राइन नदी (Rhine River), रोन नदी (Rhône River), आरे नदी (Aare River)
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