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बुरेवस्तनिक मिसाइल : कार्यप्रणाली एवं विश्लेषण

(प्रारंभिक परीक्षा: अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, सामान्य विज्ञान)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएँ तथा उनके अधिदेश)

संदर्भ 

21 अक्तूबर को रूस ने एक नई परमाणु-सक्षम और परमाणु-संचालित क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इसका नाम ‘बुरेवस्तनिक’ (Burevestnik) है। यह दुनिया की पहली परमाणु ऊर्जा संचालित क्रूज मिसाइल है। बुरेवस्तनिक रूस के समुद्री पक्षी का नाम है। 

परीक्षण के हालिया परिणाम  

  • इस मिसाइल ने 14,000 किलोमीटर की दूरी तय की और लगभग 15 घंटे तक हवा में रही। 9M730 बुरेवस्तनिक (स्टॉर्म पेट्रेल) वर्तमान एवं भविष्य की मिसाइल सुरक्षा के लिए ‘अजेय’ मानी जा रही है जिसकी रेंज लगभग असीमित है और उड़ान पथ अप्रत्याशित है। 
  • रूस के अनुसार यह परमाणु हथियार किसी भी रक्षा प्रणाली को चकमा दे सकता है। यह किसी भी मिसाइल रोधी सुरक्षा को भेदने (पराजित करने) में सक्षम मानी जा रही है।
    • नाटो ने इसे एसएससी-एक्स-9 स्काईफॉल (SSC-X-9 Skyfall) कोड-नाम दिया है। 

बुरेवस्तनिक मिसाइल की विशेषता 

  • सामान्य बैलिस्टिक मिसाइल अंतरिक्ष में तय मार्ग पर चलती है जिन्हें ट्रैक किया जा सकता है। हालाँकि, बुरेवस्तनिक केवल 50-100 मीटर की ऊंचाई पर उड़ती है और लगातार मार्ग बदलती रहती है जिससे वायु-रक्षा रडार के लिए इसका पता लगाना लगभग असंभव हो जाता है। 
  • इसकी उड़ान की ऊंचाई पारंपरिक रूप से संचालित क्रूज़ मिसाइल की तुलना में बहुत कम है। इसकी गति 850-1300 किमी/घंटा है। इसमें न्यूक्लिअर टर्बो जेट इंजन का प्रयोग किया गया है। 
  • इस मिसाइल को लॉन्च करने के लिए ठोस ईंधन वाले रॉकेट बूस्टर का इस्तेमाल किया जाता है। लॉन्च होने के बाद इसका न्यूक्लियर रिएक्टर एक्टिव हो जाता है। इसके बाद यह परमाणु ऊर्जा पर चलती है। इसमें एक छोटा न्यूक्लियर रिएक्टर या न्यूक्लियर पावर यूनिट है। 
    • यह प्रणाली मिसाइल को लम्बे समय तक कम ऊंचाई पर उड़ान भरने में सहायक होती है।
  • प्रणोदन इकाई प्रक्षेपण के बाद ही सक्रिय होती है जब एक तरल-ईंधन बूस्टर रॉकेट मिसाइल को परिभ्रमण गति तक पहुंचा देता है। बुरेवस्तनिक सतह से प्रक्षेपित होने वाली और निम्न ऊँचाई पर उड़ान भरने वाली क्रूज़ मिसाइल है।
  • यह पारंपरिक व परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। बुरेवस्तनिक उन छह रणनीतिक हथियारों में से एक है जिन्हें रूसी राष्ट्रपति ने 2018 के अपने भाषण में प्रस्तुत किया था।

इसे भी जानिए!

अमेरिकी के अनुसार इस मिसाइल के सेवा में आने के बाद रूस के पास इंटरकॉन्टिनेंटल रेंज अर्थात 10 से 20 हजार किमी. तक हमला करने की क्षमता होगी। प्राय: इतनी दूरी तक हमला करने के लिए बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया जाता है। यह पहली क्रूज मिसाइल है जो इतनी दूरी तक हमला करने में सक्षम है।

डिज़ाइन एवं कार्यक्षमता

  • इस मिसाइल में कई प्रमुख घटक एकीकृत हैं जिसमें एक मार्गदर्शन प्रणाली, स्थिरता के लिए पंख, एक परमाणु रिएक्टर, टर्बाइन, कंप्रेसर और वायु प्रवेश प्रणाली शामिल है। 
  • मिसाइल में वायु को खींचकर संपीड़ित किया जाता है और फिर प्रणोद उत्पन्न करने के लिए निकास के माध्यम से बाहर निकाला जाता है। रिएक्टर की ऊष्मा एक विद्युत मोटर को शक्ति प्रदान करती है जो इस प्रक्रिया को संचालित करती है जबकि ठंडी वायु का प्रवाह अतितापन को रोकता है।

बुरेवस्तनिक मिसाइल के विकास के निहितार्थ

  • रणनीतिक संतुलन: बुरेवस्तनिक मिसाइल परमाणु-सशस्त्र राष्ट्रों के बीच रणनीतिक संतुलन को संभावित रूप से बदल सकती है। इसकी असीमित सीमा और मिसाइल रक्षा प्रणालियों को चकमा देने की क्षमता इसे रूस के परमाणु शस्त्रागार में एक शक्तिशाली हथियार बनाती है।
  • हथियारों की होड़: ऐसे हथियार का अस्तित्व अन्य देशों को समान तकनीकों में निवेश करने या प्रति-उपाय विकसित करने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे उन्नत मिसाइल तकनीक में हथियारों की होड़ शुरू हो सकती है।
  • प्रतिरोध: यह मिसाइल रूस की द्वितीय-आक्रमण क्षमता को बढ़ाती है जो परमाणु प्रतिरोध की आधारशिला है। परमाणु हमले की स्थिति में प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई करने की कथित क्षमता विरोधियों को ऐसे हमले शुरू करने से हतोत्साहित कर सकती है।
  • परमाणु प्रसार संबंधी चिंताएँ: उन्नत परमाणु-संचालित हथियारों का विकास ऐसी तकनीक के अन्य देशों में फैलने की चिंताएँ पैदा करता है जिससे परमाणु प्रसार का जोखिम बढ़ सकता है।

बुरेवस्तनिक मिसाइल का विश्लेषण

  • बुरेवस्तनिक मिसाइल का सफल परीक्षण रूस की अपनी परमाणु क्षमताओं को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
  • इसकी अनूठी प्रणोदन प्रणाली, असीमित दूरी और रक्षा-सुरक्षा को चकमा देने की क्षमता इसे सामरिक हथियारों के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाती है।
  • हालाँकि, परमाणु-संचालित मिसाइलों की विश्वसनीयता और सुरक्षा पर विचार करना आवश्यक है।
  • अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को ऐसे हथियारों के विकास को हथियार नियंत्रण समझौतों और राजनयिक माध्यमों से संबोधित करना चाहिए।
  • परमाणु-सशस्त्र राष्ट्रों के बीच पारदर्शिता एवं संचार वैश्विक सुरक्षा बनाए रखने और अनियंत्रित हथियारों की होड़ को रोकने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

क्या आप जानते हैं?

रूस एवं अमेरिका के पास कुल मिलाकर वैश्विक परमाणु हथियारों का लगभग 87% हिस्सा है जो विश्व को कई बार नष्ट करने के लिए पर्याप्त है।

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