(प्रारंभिक परीक्षा: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास) |
संदर्भ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भारत को विज्ञान एवं नवाचार के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों पर ले जाने वाले तीन महत्वपूर्ण आविष्कार राष्ट्र को समर्पित किए हैं।
आविष्कारों के बारे में
- QSIP (Quantum Security Chip): भारत का अपना क्वांटम सुरक्षा चिप
- 25-क्यूबिट QPU (Quantum Processing Unit): भारत की पहली क्वांटम कंप्यूटिंग चिप
- CAR-T सेल थेरेपी NexCAR19: भारत की पहली स्वदेशी कैंसर कोशिका थेरेपी
- इनमें सबसे चर्चित CAR-T सेल थेरेपी है जो कैंसर के इलाज में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रही है।

क्या है CAR-T सेल थेरेपी
CAR-T (Chimeric Antigen Receptor-T Cell) थेरेपी एक उन्नत इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy) तकनीक है। इसमें रोगी की T-कोशिकाओं (श्वेत रक्त कोशिकाओं का एक प्रकार) को प्रयोगशाला में संशोधित किया जाता है ताकि वे कैंसर कोशिकाओं को पहचानकर नष्ट कर सकें।
थेरेपी प्रक्रिया
- मरीज के शरीर से T-कोशिकाएँ निकाली जाती हैं। इन्हें जीन-संपादन (Gene Editing) के माध्यम से शक्तिशाली CAR-T कोशिकाओं में बदला जाता है।
- फिर इन्हें रोगी के शरीर में वापस डाल दिया जाता है जहाँ ये कैंसर कोशिकाओं पर हमला करती हैं।
भारत में इसका विकास
- भारत की पहली स्वदेशी CAR-T सेल थेरेपी NexCAR19 के नाम से विकसित की गई है।
- यह नवाचार इम्यूनोएक्ट (ImmunoACT) नामक कंपनी द्वारा किया गया, जो IIT बॉम्बे और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल का एक संयुक्त प्रयास है।
- इसे DBT (Department of Biotechnology) और BIRAC (Biotechnology Industry Research Assistance Council) से सहयोग और वित्तीय सहायता प्राप्त हुई।
- वर्ष 2023 में इसे CDSCO (Central Drugs Standard Control Organisation) से व्यावसायिक उपयोग की मंजूरी मिली।
NexCAR19: भारत की जीवित दवा
- NexCAR19 को भारत की पहली ‘लिविंग ड्रग (Living Drug)’ कहा जा रहा है। इस थेरेपी ने न केवल वैज्ञानिक मापदंडों को बनाए रखा है बल्कि उपचार को किफायती और सुलभ भी बनाया है।
- यह B-सेल ब्लड कैंसर जैसे घातक रोगों के इलाज में प्रभावी है, खासकर उन रोगियों में जिनमें कैंसर दोबारा उभर आता है या पारंपरिक इलाज से ठीक नहीं होता है।

सरकार और संस्थागत सहयोग
- इस प्रोजेक्ट को नेशनल बायोफार्मा मिशन, BIRAC की BioNest पहल और DBT की BioE3 नीति के अंतर्गत सहयोग मिला है।
- इम्यूनोएक्ट को 200L GMP लेंटिवायरल वेक्टर और प्लास्मिड प्लेटफ़ॉर्म स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी गई, जिससे उत्पादन क्षमता और वहनीयता बढ़ाई जा सके।
- इस प्लेटफ़ॉर्म से हर वर्ष लगभग 1000 मरीजों को CAR-T और जीन थेरेपी मिल सकेगी।
CAR-T थेरेपी के लाभ
- कम उपचार अवधि : यह थेरेपी लंबी कीमोथेरेपी या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की तुलना में तेज़ी से परिणाम देती है।
- दीर्घकालिक प्रभाव : CAR-T कोशिकाएँ शरीर में लंबे समय तक सक्रिय रहती हैं और दोबारा कैंसर लौटने की संभावना को घटाती हैं।
- किफायती विकल्प : NexCAR19 विदेशी CAR-T थेरेपी की तुलना में काफी सस्ती है जिससे भारत में इसकी पहुँच अधिक होगी।
चुनौतियाँ
- किसी एक प्रकार के कैंसर के लिए बनी CAR-T थेरेपी अन्य कैंसरों पर प्रभावी नहीं होती है।
- Cytokine Release Syndrome (प्रतिरक्षा प्रणाली की अति-सक्रियता) का खतरा बना रहता है।
- तंत्रिका तंत्र पर दुष्प्रभाव और संक्रमण के जोखिम जैसी जटिलताएँ भी संभव हैं।
भविष्य की दिशा
- भारत अब विभिन्न प्रकार के तरल व ठोस कैंसरों पर CAR-T आधारित इलाज विकसित करने की दिशा में अग्रसर है।
- DBT व BIRAC के सहयोग से IITs, TMC एवं कई जैव-प्रौद्योगिकी स्टार्टअप मिलकर सस्ती, प्रभावी तथा स्वदेशी जीन-आधारित चिकित्सा को आगे बढ़ा रहे हैं।
निष्कर्ष
CAR-T सेल थेरेपी भारत के लिए कैंसर उपचार के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। NexCAR19 जैसे नवाचार यह साबित करते हैं कि भारत अब ‘मेड इन इंडिया, मेड फॉर दि वर्ल्ड’ की भावना के साथ विश्व स्तर पर चिकित्सा विज्ञान में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
इसे भी जानिए!
QSIP (Quantum Security Chip) :
- QSIP भारत की पहली स्वदेशी क्वांटम सुरक्षा चिप है जिसे क्वांटम युग में साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इसका उद्देश्य संवेदनशील डाटा के प्रसारण एवं डिजिटल नेटवर्क की सुरक्षा को मजबूत करना है और यह ‘डिजिटल इंडिया’ पहल के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
25-क्यूबिट QPU (Quantum Processing Unit) :
- 25-क्यूबिट QPU भारत की पहली क्वांटम कंप्यूटिंग चिप है जिसे बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप QpiAI ने विकसित किया है।
- यह QpiAI-Indus नामक भारत के पहले फुल-स्टैक क्वांटम कंप्यूटर का हिस्सा है।
- यह सुपरकंडक्टिंग क्यूबिट्स पर आधारित है और भविष्य में क्वांटम कंप्यूटिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
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