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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 समिति में भारतीय प्रस्ताव पर चीन की रोक 

प्रारंभिक परीक्षा - 1267 समिति, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 2 - महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश

चर्चा में क्यों 

हाल ही में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी अब्दुल रऊफ अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित आतंकियों की सूची (1267 समिति) में शामिल करने के प्रस्ताव पर चीन द्वारा रोक लगा दी गयी।

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • इससे पहले अगस्त 2022 में भी अब्दुल रऊफ अजहर को प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के भारत के प्रस्ताव पर चीन द्वारा रोक लगाई थी। 
  • अब्दुल रऊफ अजहर भारत में कई आतंकी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में शामिल रहा है।
    • इसमें वर्ष 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण, वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हमला और वर्ष 2016 में पठानकोट में IAF बेस पर हमला शामिल है।

1267 समिति

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 समिति की स्थापना 1999 में की गई थी।
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी15  सदस्य इस समिति के सदस्य होते है, इसमें  निर्णय सर्व-सम्मति से लिए जाते है। 
    • यदि कोई एक भी सदस्य किसी प्रस्ताव का विरोध करता है, तो वह प्रस्ताव पारित नहीं होता है।
  • इसे तालिबान और अल कायदा प्रतिबंध समिति के रूप में जाना जाता है। 
  • यदि किसी व्यक्ति/संगठन को समिति 1267 की सूची में शामिल कर लिया जाता है, तो इससे वित्तीय दंड आरोपित करने, परिसंपत्तियों को फ्रीज करने और आवाजाही को प्रतिबंधित करने में मदद मिलती है।

प्रतिबंध समिति में शामिल करने की प्रक्रिया 

  • कोई भी सदस्य राज्य किसी व्यक्ति या समूह को सूचीबद्ध करने के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकता है।
    • प्रस्ताव में ऐसी गतिविधियों को शामिल किया जाना चाहिये, जिससे यह स्पष्ट हो, कि प्रस्तावित व्यक्ति या संगठन ने इस्लामिक स्टेट, जैश-ए-मुहम्मद, अल-कायदा या इनसे संबद्ध किसी समूह के कार्यों या गतिविधियों ( वित्तपोषण, योजना, तैयारी, संचालन ) में भाग लिया है।
  • इसके बाद प्रस्ताव को सभी सदस्यों को भेजा जाता है, यदि कोई सदस्य पांच कार्य दिवसों के भीतर आपत्ति दर्ज नहीं करता है, तो प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का कोई भी सदस्य प्रस्ताव पर रोक लगा सकता है, और प्रस्ताव पेश करने वाले देश से अधिक जानकारी मांग सकता है।
    • इस दौरान अन्य सदस्य भी अपने सुझाव दे सकते हैं।
  • जब तक प्रस्ताव पर रोक लगाने वाला सदस्य अपनी रोक हटा नहीं लेता है, या प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज नहीं कर देता है, तब तक प्रस्ताव लंबित सूची में रहता है। 
    • लंबित मुद्दों को 6 महीने के अंदर सुलझाया जाता है, लेकिन प्रस्ताव पर रोक लगाने वाले सदस्य द्वारा मांग करने पर 3 महीने का अतिरिक्त समय भी दिया जा सकता है। 
  • इस समय सीमा के अंत मे यदि रोक लगाने वाला सदस्य प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज नहीं करता है, तो इस प्रस्ताव को पारित मान लिया जाता है। 
    • इसके बाद प्रस्ताव में वर्णित सदस्य या संगठन का नाम प्रतिबंधित सूची में शामिल हो जाता है। 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद्

  • यह संयुक्त राष्ट्र की संरचना की सबसे महत्त्वपूर्ण इकाई है, जिसका गठन दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान वर्ष 1945  में किया गया था।
  • इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है।
  • सुरक्षा परिषद् संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है।
  • यह मुख्य तौर पर अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने हेतू उत्तरदायी है।
  • इसके पाँच स्थायी सदस्य (अमेरिका , ब्रिटेन, फ्राँस, रूस और चीन) हैं, जिनके पास वीटो का अधिकार है।
  • सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य देशों के अतिरिक्त 10 अस्थायी सदस्य भी होते है जो क्षेत्रीय आधार के अनुसार दो साल की अवधि के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा चुने जाते हैं, इन्हें वीटो का अधिकार प्राप्त नहीं होता है।
  • इसके स्थायी और अस्थायी सदस्य बारी-बारी से एक-एक महीने के लिये परिषद के अध्यक्ष बनते है।
  • भारत वर्ष 2021 से वर्ष 2023 कि अवधि तक सुरक्षा परिषद् का अस्थाई सदस्य है।
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