(प्रारंभिक परीक्षा: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएँ तथा उनके अधिदेश) |
संदर्भ
आधुनिक युद्ध (Modern Warfare) केवल हथियारों की ताकत पर आधारित नहीं है बल्कि इसमें धोखे (Deception), भ्रम फैलाने और दुश्मन को गुमराह करने की तकनीकों का भी बहुत महत्व है। आज के समय में जब मिसाइलें, ड्रोन एवं राडार सिस्टम बेहद सटीक (Precise) हो गए हैं, तब सेनाओं को अपनी सुरक्षा के लिए डिकॉय सिस्टम (Decoy Systems) जैसे नए साधनों की आवश्यकता है।
डिकॉय सिस्टम से तात्पर्य
डिकॉय (Decoy) का मतलब है नकली लक्ष्य या भ्रम पैदा करने वाला सिस्टम। यह ऐसा उपकरण है जो दुश्मन को यह विश्वास दिलाता है कि वह असली हथियार या प्लेटफॉर्म पर हमला कर रहा है जबकि वास्तव में वह किसी नकली संकेत (Fake Signal) या मॉडल को निशाना बना रहा होता है। इससे असली हथियार या विमान सुरक्षित रहते हैं।
प्रकार
- एयर डिकॉय (Air Decoy) : लड़ाकू विमानों (Fighter Jets) से जुड़े डिकॉय जो मिसाइलों और राडार को भ्रमित करते हैं।
- लैंड डिकॉय (Land Decoy) : नकली टैंक, तोप, मिसाइल लॉन्चर और कमांड पोस्ट जो दुश्मन को गुमराह करते हैं।
- नेवल डिकॉय (Naval Decoy) : समुद्री युद्ध में प्रयोग होने वाले फ्लोटिंग चाफ़ (Floating Chaff), सोनार और मिसाइल डिकॉय।
फाइबर-ऑप्टिक टोड डिकॉय प्रणाली (FOTD) के बारे में
- यह इज़रायल द्वारा विकसित एक आधुनिक ए.आई. सक्षम एक्स-गार्ड फाइबर-ऑप्टिक टोड डिकॉय प्रणाली (Fibre-Optic Towed Decoy: FOTD) है।
- इसे भारत के राफेल (Rafale) फाइटर जेट्स में लगाया गया है।
- यह हल्का (30 किग्रा.), बार-बार उपयोग योग्य (Reusable) और विमान के पीछे खींचा जाने वाला सिस्टम है।
- यह दुश्मन के राडार एवं मिसाइल सिस्टम को असली विमान का आभास देता है।
इसके पीछे का विज्ञान
- यह डिकॉय राडार क्रॉस सेक्शन (RCS) डॉप्लर वेग (Doppler Velocity) और
स्पेक्ट्रल सिग्नेचर (Spectral Signature) जैसी विशेषताओं की नकल करता है।
- इसमें 360-डिग्री जैमिंग सिग्नल होता है जो दुश्मन के राडार को धोखा देता है।
- यह राफेल के SPECTRA इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट के साथ मिलकर एक मजबूत सुरक्षा कवच बनाता है।
कार्यप्रणाली
जब दुश्मन का राडार या मिसाइल सिस्टम राफेल को लॉक करता है, तो X-Guard खुद को असली विमान जैसा दिखाता है। मिसाइल असली विमान की बजाय डिकॉय का पीछा करने लगती है और इस तरह असली विमान सुरक्षित बच निकलता है।
यूक्रेन द्वारा उपयोग
- यूक्रेन ने रूस के खिलाफ युद्ध में कई प्रकार के डिकॉय सिस्टम का इस्तेमाल किया है।
- उन्होंने लकड़ी और 3D-प्रिंटेड नकली हथियारों का प्रयोग किया ताकि रूस की मिसाइलें व ड्रोन इन्हें निशाना बनाएं।
- इससे रूस का हथियार भंडार (Ammunition Stock) जल्दी खर्च हुआ और असली यूक्रेनी हथियार सुरक्षित रहे।
अन्य डिकॉय सिस्टम
- BriteCloud (यूरोपियन) : Eurofighter Typhoon और Gripen विमानों में
- AN/ALE-50/55 (अमेरिकी) : F/A-18 Super Hornet में
- Nulka (ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका) : समुद्री जहाजों को बचाने वाला उन्नत मिसाइल डिकॉय
भारत के डिकॉय सिस्टम : वायु, थल एवं जल
- वायु (Air): राफेल पर X-Guard सिस्टम, सुखोई और तेजस पर भी अलग EW (Electronic Warfare) डिकॉय
- थल (Land): भारतीय सेना अब नकली T-90 टैंक बनाने के लिए घरेलू कंपनियों से जानकारी मांग रही है।
- जल (Water): INS करंज जैसी पनडुब्बियों पर टॉरपीडो डिकॉय सिस्टम लगे हैं।
चुनौतियाँ
- डिकॉय सिस्टम काफी महंगे होते हैं।
- दुश्मन लगातार नई तकनीक विकसित कर रहा है, जिससे इन्हें बेअसर (Ineffective) किया जा सकता है।
- भारत को स्वदेशी (Indigenous) डिकॉय तकनीक में आत्मनिर्भर होना होगा।
आगे की राह
- स्वदेशी डिकॉय तकनीक में मेक इन इंडिया के तहत निवेश बढ़ाना
- वायु, थल एवं जल तीनों डोमेन में नए डिकॉय सिस्टम विकसित करना
- AI और मशीन लर्निंग आधारित स्मार्ट डिकॉय बनाना
- यूक्रेन जैसे उदाहरणों से सीख लेकर कम लागत वाले डिकॉय भी विकसित करना
निष्कर्ष
डिकॉय सिस्टम आज के आधुनिक युद्ध में उतने ही जरूरी हो गए हैं जितने असली हथियार। ये न केवल दुश्मन को गुमराह करते हैं, बल्कि हमारी सेनाओं को समय और सुरक्षा प्रदान करते हैं। भारत को इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने होंगे ताकि भविष्य के युद्धों में हमारी रक्षा और मजबूत हो सके।