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इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण घटक योजना

(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, आर्थिक एवं सामाजिक विकास, सामान्य विज्ञान)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 व 3: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय, भारतीय अर्थव्यवस्था व योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास एवं रोज़गार से संबंधित विषय)

संदर्भ

  • भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण घटक योजना (ECMS) के तहत 5,532 करोड़ रुपए की सात परियोजनाओं के पहले चरण को मंजूरी प्रदान की है। 
  • इससे 36,559 करोड़ रुपए का उत्पादन होने और 5,100 से ज़्यादा प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित होने का अनुमान है। स्वीकृत इकाइयां तमिलनाडु (5), आंध्र प्रदेश (1), और मध्य प्रदेश (1) में फैली हुई हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना के बारे में

  • यह इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत एक प्रमुख पहल है जिसका प्रमुख उद्देश्य भारत के घटक-स्तरीय विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना और प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक भागों (घटकों) के लिए आयात पर निर्भरता को कम करना है।
  • वर्ष 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित इस योजना का लक्ष्य भारत को महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक घटकों व सामग्रियों में आत्मनिर्भर बनाना है।
  • इसका उद्देश्य उप-असेंबली, बेयर कंपोनेंट्स व पूंजीगत उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना, घरेलू मूल्य संवर्धन (DVA) को बढ़ाना और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमीकंडक्टर में भारतीय फर्मों को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (GVCs) के साथ एकीकृत करना है।
  • इसकी समयावधि टर्नओवर-लिंक्ड प्रोत्साहन के लिए 6 वर्ष (1 वर्ष की गेस्टेसन (Gestation) के साथ) और पूंजीगत व्यय प्रोत्साहन के लिए 5 वर्ष है।

इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना की विशेषताएँ

  • निवेश सहायता : यह विनिर्माण क्षेत्र की कमियों को दूर करने के लिए विभेदित टर्नओवर-लिंक्ड, पूंजीगत व्यय और हाइब्रिड प्रोत्साहन प्रदान करता है।
  • लक्षित खंड : यह योजना पी.सी.बी., कैमरा मॉड्यूल, कॉपर-क्लैड लेमिनेट, पॉलीप्रोपाइलीन फिल्म्स और पूंजीगत उपकरणों पर ध्यान केंद्रित करती है। 
  • रणनीतिक प्रभाव : इसके तहत कॉपर क्लैड लेमिनेट्स के लिए 100%, पी.सी.बी. के लिए 20% और कैमरा मॉड्यूल के लिए 15% घरेलू मांग को पूरा करने का लक्ष्य है।
  • रोजगार सृजन : इससे 91,600 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने तथा स्थानीय अनुसंधान एवं विकास क्षमता मजबूत होने की उम्मीद है।
  • पूरक पारिस्थितिकी तंत्र : यह योजना इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए पी.एल.आई. योजना और भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के साथ मिलकर काम करती है ताकि उपकरणों से लेकर सामग्रियों तक एक संपूर्ण विनिर्माण श्रृंखला का निर्माण किया जा सके।

विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक्स घटकों के प्रयोग 

  • कैमरा मॉड्यूल कॉम्पैक्ट इमेजिंग यूनिट होते हैं जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में फ़ोटो एवं वीडियो कैप्चर करते हैं। भारत में इसका उत्पादन स्मार्टफ़ोन, ड्रोन, लैपटॉप, टैबलेट, चिकित्सा उपकरण, रोबोट और ऑटोमोटिव सिस्टम में इसके उपयोग को सक्षम करेगा।
  • एच.डी.आई. एवं मल्टी-लेयर पी.सी.बी. मुख्य सर्किट बोर्ड हैं जो हर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को जोड़ते और नियंत्रित करते हैं। इनका प्रयोग स्मार्टफोन, लैपटॉप, ऑटोमोटिव व औद्योगिक प्रणालियों में किया जाता है।
  • भारत पहली बार कॉपर क्लैड लैमिनेट (CCL) विनिर्माण संयंत्र स्थापित करेगा। सी.सी.एल. मल्टी-लेयर पी.सी.बी. के निर्माण के लिए एक आधार घटक के रूप में कार्य करता है। ये पी.सी.बी. सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल होते हैं। अभी इन्हें आयात किया जाता है।
  • पॉलीप्रोपाइलीन फिल्म कैपेसिटर के विनिर्माण में प्रयुक्त होने वाली प्रमुख सामग्री है। यह घटक उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव, आई.सी.टी., औद्योगिक व विनिर्माण, दूरसंचार एवं कंप्यूटिंग उपकरणों के लिए भारत में निर्मित किया जाएगा।
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