| (प्रारंभिक परीक्षा: महत्त्वपूर्ण सम्मलेन एवं आयोजन) |
चर्चा में क्यों
प्रधानमंत्री मोदी ने 3 नवम्बर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित Emerging Science, Innovation and Research Technology Conclave (ESTIC 2025) के उद्घाटन के अवसर पर ₹1 लाख करोड़ का रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) फंड लॉन्च किया।

ESIRTC 2025 के बारे में
- यह भारत का पहला ऐसा सम्मेलन है जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में नीति-निर्माताओं, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और उद्योग जगत को एक साथ लाता है।
- इसका आयोजन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (DST) द्वारा किया जा रहा है।
- यह सम्मेलन 3 से 5 नवम्बर 2025 तक आयोजित हो रहा है, जिसमें 3000 से अधिक प्रतिभागी और कई नोबेल पुरस्कार विजेता भाग ले रहे हैं।
- चर्चा के 11 प्रमुख विषयों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), ऊर्जा, हरित प्रौद्योगिकी, स्पेस टेक्नोलॉजी, हेल्थ इनोवेशन, क्वांटम साइंस और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग शामिल हैं।
- थीम : “Ease of Doing Research” अर्थात् अनुसंधान को सरल, पारदर्शी और परिणाममुखी बनाना।
उद्देश्य
- भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाना।
- निजी क्षेत्र को अनुसंधान में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना।
- ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को विज्ञान और तकनीकी नवाचार के माध्यम से प्राप्त करना।
- वैज्ञानिक उपलब्धियों को साझा करना और युवाओं को STEM शिक्षा की ओर प्रेरित करना।
प्रमुख बिंदु
- भारत अब केवल तकनीक का उपभोक्ता नहीं, बल्कि तकनीकी परिवर्तन का अग्रदूत (Pioneer of Transformation) बन चुका है।
- भारत का R&D व्यय दोगुना हुआ है और पेटेंट की संख्या 17 गुना बढ़ी है।
- देश में 6000 से अधिक डीप-टेक स्टार्टअप्स कार्यरत हैं।
- महिलाओं की STEM शिक्षा में भागीदारी अब 43% तक पहुंच चुकी है, जो वैश्विक औसत से अधिक है।
- 25,000 नए अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना की घोषणा की गई।
₹1 लाख करोड़ की अनुसंधान निधि
- यह अनुसंधान, विकास और नवाचार (RDI) को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया है।
- इसका संचालन अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) के अंतर्गत होगा।
- यह फंड सीधे उद्योगों या स्टार्टअप्स में निवेश नहीं करेगा, बल्कि द्वितीय स्तर के फंड मैनेजरों (AIFs, DFIs, NBFCs) के माध्यम से पूंजी प्रवाह करेगा।
- यह उच्च जोखिम और उच्च प्रभाव वाले प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
महत्व
- यह फंड भारत को वैश्विक अनुसंधान और नवाचार शक्ति के रूप में स्थापित करेगा।
- देश में Ease of Doing Research को बढ़ावा मिलेगा, जिससे निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ेगी।
- भारत के स्टार्टअप और वैज्ञानिक पारिस्थितिकी तंत्र को नई गति मिलेगी।
- यह आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत 2047 की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- विज्ञान, तकनीक और नवाचार के माध्यम से भारत भविष्य के वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार हो रहा है।