New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

सूर्य के दक्षिणी ध्रुव का प्रथम चित्रण

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास व अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव, अंतरिक्ष)

संदर्भ 

11 जून, 2025 को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने सोलर ऑर्बिटर पर लगे तीन उपकरणों द्वारा खींची गई सूर्य के दक्षिणी ध्रुव की तस्वीरें जारी कीं।

सूर्य का दक्षिणी ध्रुव : पहली झलक

  • सोलर ऑर्बिटर मिशन द्वारा पहली बार वैज्ञानिकों ने सूर्य के उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुवों की स्पष्ट तस्वीरें खींचने में सफलता प्राप्त की है।
  • इन तस्वीरों में सूर्य के दक्षिणी ध्रुव को लगभग 40 मिलियन मील (लगभग 65 मिलियन किमी.) की दूरी से दिखाया गया है।
  • सोलर ऑर्बिटर को वर्ष 2020 में फ्लोरिडा से लॉन्च किया गया था।
  • यह ई.एस.ए. एवं अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का संयुक्त मिशन है।
  • इन नवीनतम चित्रों से विशेषज्ञों को यह समझने में मदद मिल सकती है कि सूर्य किस प्रकार शांत अवस्थाओं एवं प्रचंड सौर तूफानों के बीच स्थानांतरित होता है।

ESA

दक्षिणी ध्रुव का प्रथम चित्रण 

  • अभी तक तक सूर्य के सभी दृश्य एक ही कोण से देखे गए हैं, अर्थात भूमध्य रेखा को उसी तल से सीधे देखा गया है जिस तल पर पृथ्वी और अधिकांश अन्य ग्रह परिक्रमा करते हैं जिसे ‘क्रांतिवृत्त तल’ के रूप में जाना जाता है।
  • हालाँकि, फरवरी 2025 में सोलर ऑर्बिटर ने शुक्र के चारों ओर भिन्न-भिन्न कोणों से चक्कर लगाया, जिससे शुक्र को उस तल से बाहर निकलने और सौर भूमध्य रेखा से लगभग 17 डिग्री नीचे से सूर्य को देखने में मदद मिली। 
  • भविष्य में इस तरह के मिशन में 30 डिग्री से अधिक की दूरी से दृश्य देखे जा सकेंगे।

south-pole

महत्त्व

  • सूर्य लगभग 865,000 मील (1.4 मिलियन किमी.) की चौड़ाई के साथ पृथ्वी से 100 गुना अधिक चौड़ा है।
  • सोलर ऑर्बिटर ने सूर्य के दक्षिणी ध्रुव पर वर्तमान में मौजूद चुंबकीय क्षेत्र की दोनों ध्रुवताओं का पता लगा लिया है।
  • आने वाले वर्षों में सोलर ऑर्बिटर द्वारा प्राप्त डाटा से मॉडलर्स को सौर चक्र की भविष्यवाणी करने में मदद मिलेगी। 
  • यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सूर्य की गतिविधि सौर ज्वालाओं एवं कोरोनल मास इजेक्शन का कारण बनती है, जिसके परिणामस्वरूप पृथ्वी पर रेडियो संचार ब्लैकआउट हो सकता है और पावर ग्रिड अस्थिर हो सकते हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X