(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2: भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय।) |
संदर्भ
13 अक्टूबर 2025 को गाजा में दो साल से चली आ रही इजरायल-हमास युद्ध को खत्म करने के लिए एक ऐतिहासिक शांति समझौता हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से हमास ने बंधकों को रिहा किया, और इजरायल ने कैदियों को छोड़ा। इसके बाद मिश्र के शहर ‘शर्म एल-शेख’ में शिखर सम्मेलन हुआ, जहां गाजा घोषणा पर हस्ताक्षर हुए।

गाजा शांति शिखर सम्मेलन के बारे में
- यह शिखर सम्मेलन इजरायल-हमास युद्ध को स्थायी रूप से खत्म करने के लिए आयोजित किया गया।
- इसका आयोजन मिस्र के ‘शर्म एल-शेख’ शहर में किया गया।
प्रमुख बिंदु
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे "ट्रंप शांति योजना" कहा, जो 20-सूत्री प्रस्ताव पर आधारित है।
- सम्मेलन में युद्धविराम, बंधक रिहाई, गाजा का पुनर्निर्माण और लंबे समय की शांति पर चर्चा हुई।
- सम्मेलन ने गाजा को एक ‘बोर्ड ऑफ पीस’ के तहत चलाने का प्रस्ताव रखा, जिसकी अगुवाई ट्रंप और पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर करेंगे।
- लेकिन इजरायल ने फिलिस्तीनी अथॉरिटी (PA) की भूमिका को खारिज किया है।
भागीदार
- मुख्य हस्ताक्षरकर्ता के रूप में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सीसी, कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन (ये चार गारंटर हैं); अन्य 20 देशों के नेता भी शामिल।
- हालांकि, इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और हमास के प्रतिनिधि अनुपस्थित रहे।
- भारत: भारत का प्रतिनिधित्व विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने किया।
सम्मेलन के प्रमुख परिणाम
- युद्धविराम: 10 अक्टूबर 2025 से युद्ध बंद, जो ट्रंप योजना के पहले चरण का हिस्सा है। ट्रंप ने कहा, यह असंभव को संभव बनाना है।
- मानवीय सहायता: गाजा में भोजन, ईंधन और दवाओं की तत्काल आपूर्ति। विश्व बैंक के अनुसार, पुनर्निर्माण के लिए 53 अरब डॉलर चाहिए।
- शांति दृष्टिकोण: सहिष्णुता, गरिमा और समान अवसर पर जोर। ट्रंप ने कहा, यह क्षेत्र शांति, सुरक्षा और समृद्धि का केंद्र बनेगा।
- फेज 2: पुनर्निर्माण और शासन पर बातचीत शुरू, लेकिन चरण मिश्रित हैं। मिस्र नवंबर में पुनर्निर्माण सम्मेलन आयोजित करेगा।
- ट्रंप की भूमिका: अल-सीसी ने ट्रंप को "क्षेत्र में शांति लाने वाला एकमात्र व्यक्ति" कहा।
बंधक रिहाई
- हमास ने सोमवार को आखिरी 20 जीवित बंधकों को रिहा किया, जो दो साल की कैद के बाद स्वतंत्र हुए।
- कुल 251 बंधक 7 अक्टूबर 2023 के हमले में पकड़े गए थे, जिनमें से 47 बाकी थे।
- बदले में इजरायल ने 1,968 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा, जिनमें 250 सुरक्षा कैदी और 1,700 युद्ध के दौरान पकड़े गए।
- हमास 27 मृत बंधकों के शव और वर्ष 2014 के एक सैनिक के अवशेष लौटाएगा।
गाजा घोषणा
- "ट्रंप घोषणा फॉर एंड्योरिंग पीस एंड प्रॉस्पेरिटी" नामक यह दस्तावेज चार नेताओं (ट्रंप, अल-सीसी, कतर अमीर, एर्दोगन) ने हस्ताक्षर किया।
- यह प्रतीकात्मक लेकिन ‘बाध्यकारी’ है, जो युद्धविराम को मजबूत बनाता है।
- घोषणा में गाजा में व्यापक शांति व्यवस्था, इजरायल के पड़ोसियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध और सभी के लिए आशा, सुरक्षा का नया अध्याय लिखा।
- यह ट्रंप शांति समझौते का ऐतिहासिक कार्यान्वयन है, जो दो साल की पीड़ा खत्म करता है।
भारत का दृष्टिकोण
- भारत ने गाजा संकट पर संतुलित रुख अपनाया है। वर्ष 2025 में संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों पर मतदान से परहेज किया, लेकिन बंधक रिहाई और युद्धविराम को जरूरी कहा।
- जुलाई 2025 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने कहा कि गाजा में मानवीय संकट चिंताजनक है, और युद्धविराम व बंधक रिहाई से स्थिति सुधरेगी।
- भारत द्वि-राज्य समाधान का समर्थक है, और फिलिस्तीन को मानवीय सहायता देता रहा है।
- भारत द्वारा वर्ष 1988 में फिलिस्तीन को मान्यता दी गई थी। वर्तमान में फिलिस्तीन संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्य नहीं बल्कि पर्यवेक्षक सदस्य है।
चुनौतियां
- हमास ने निरस्त्रीकरण से इनकार किया, जो युद्धविराम को कमजोर करता है।
- इजरायल ने गाजा से पूर्ण वापसी का वादा नहीं किया, जिससे तनाव बरकरार।
- गाजा का प्रशासन कौन संभालेगा इस पर असहमति और पुनर्निर्माण के लिए 53 अरब डॉलर की जरूरत।
- हमास के राजनीतिक नेताओं को शरण देने वाले तुर्की जैसे देशों से दबाव।
- युद्ध से 1,219 इजरायली और हजारों फिलिस्तीनी मारे गए; सहायता पहुंचाना मुश्किल।
आगे की राह
- पुनर्निर्माण, शासन और सीमाओं पर तत्काल वार्ता की आवश्यकता।
- सभी सीमाओं से भोजन, दवा और ईंधन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करें।
- फिलिस्तीनी राज्य बनाने पर वैश्विक दबाव, जिसमें भारत जैसे देश सक्रिय हों।
- मध्यस्थों (मिस्र, कतर) की भूमिका बढ़ाएं, और संयुक्त राष्ट्र की निगरानी रखें।
- भारत जैसे देश निर्माण और आर्थिक सहयोग दें, ताकि गाजा समृद्ध बने। इससे मध्य पूर्व में स्थायी शांति आएगी, और "शांति 2025" का सपना साकार होगा।