21वीं सदी में मानव सभ्यता ने अभूतपूर्व प्रगति की है, किंतु इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन, जैवविविधता ह्रास और पारिस्थितिक असंतुलन जैसी चुनौतियाँ भी गहरी हुई हैं। आज यह स्पष्ट हो चुका है कि मानवता यदि अपने अस्तित्व को बचाना चाहती है तो उसे प्रकृति के साथ संघर्ष नहीं, बल्कि शांति और सामंजस्य (Peace with Nature) स्थापित करनी होगी।
इसी विचार को मूर्त रूप देने हेतु 2024 में “World Coalition for Peace with Nature (WCPN)” की स्थापना की गई — यह एक वैश्विक स्वैच्छिक गठबंधन (Global Voluntary Coalition) है, जो “प्रकृति-सहयोगी विकास” को बढ़ावा देता है।

गठबंधन की पृष्ठभूमि (Background)
- यह पहल United Nations Convention on Biological Diversity (CBD) की COP-16 Conference (2024) के दौरान कैली, कोलंबिया में शुरू की गई।
- COP-16 की थीम थी: “Peace with Nature: A Call for Life”
- इस दौरान “Declaration of the World Coalition for Peace with Nature” जारी की गई, जिसमें 23 प्रमुख सिद्धांत निहित हैं — जैसे मानव-प्रकृति सामंजस्य, जैवविविधता संरक्षण, सामाजिक-पर्यावरणीय न्याय, और One Health दृष्टिकोण।
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा – “Saving ecosystems and making peace with nature is the defining task of the 21st century.”
गठबंधन के उद्देश्य (Objectives of WCPN)

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उद्देश्य
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विवरण
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1. मानव-प्रकृति संबंध में संतुलन
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विकास और पारिस्थितिक संरक्षण के बीच सहजीवी रिश्ता स्थापित करना।
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2. जैवविविधता की रक्षा
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भूमि, वन, जल और समुद्री पारिस्थितिक तंत्रों की बहाली और सतत उपयोग।
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3. सामाजिक-पर्यावरणीय न्याय
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स्वदेशी समुदायों और स्थानीय जनों के पारंपरिक ज्ञान को सम्मान देना।
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4. आर्थिक मॉडल में बदलाव
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उपभोग-केंद्रित विकास की जगह सर्कुलर अर्थव्यवस्था आधारित नीति।
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5. वैश्विक सहयोग
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सरकार, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र के बीच साझेदारी।
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घोषणापत्र के प्रमुख सिद्धांत (Key Principles of the Declaration)
- Right to a Clean, Healthy and Sustainable Environment को मानव अधिकार के रूप में मान्यता।
- Nature-Positive Development को वैश्विक नीति का आधार बनाना।
- One Health Approach – मानव, पशु और पर्यावरण के स्वास्थ्य को एकीकृत रूप से देखना।
- Indigenous Knowledge Integration – स्थानीय समुदायों के पारंपरिक संरक्षण तंत्रों का उपयोग।
- Ecological Restoration – वनों, नदियों, आर्द्रभूमियों और महासागरों की पुनर्बहाली।
भारत और WCPN: एक विश्लेषण (India’s Relevance and Role)
भारत, जो 17% वैश्विक मानव जनसंख्या और 8% वैश्विक जैवविविधता का घर है, इस गठबंधन के लिए एक आदर्श भागीदार है।
भारत की प्रमुख पहलें:
- National Biodiversity Mission (NBM) – जैवविविधता और मानव कल्याण का एकीकृत दृष्टिकोण।
- National Green Mission, GOBAR-Dhan Yojana, और Green Credit Programme (2023) – अपशिष्ट प्रबंधन और प्राकृतिक संसाधन पुनरुत्पादन के माध्यम से प्रकृति-सहयोगी विकास।
- Lifestyle for Environment (LiFE) Mission (2022) – नागरिकों को ‘Pro-Planet People’ बनने के लिए प्रेरित करना।
- 30x30 Biodiversity Target – 2030 तक 30% भूमि और समुद्री क्षेत्र को संरक्षित करना।
- इन पहलों को WCPN के सिद्धांतों से जोड़कर भारत वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभा सकता है।
वैश्विक महत्व (Global Significance)
- Paris Agreement (2015) और Kunming-Montreal Global Biodiversity Framework (2022) जैसे समझौतों की पूरक पहल।
- पर्यावरणीय शांति को मानव शांति और सुरक्षा (Human Security) से जोड़ना।
- Nature-based Solutions (NbS) को विकास के हर स्तर पर अपनाना।
- जलवायु वित्त (Climate Finance) में पारिस्थितिक निवेश (Nature Investment) को प्राथमिकता देना।
प्रमुख चुनौतियाँ (Challenges)
- स्वैच्छिक स्वरूप (Voluntary Nature): कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं — इसलिए अनुपालन कठिन।
- वित्तीय संसाधन की कमी: जैवविविधता संरक्षण के लिए पर्याप्त वैश्विक फंड की आवश्यकता।
- राजनीतिक इच्छा-शक्ति (Political Will): राष्ट्रों के हितों का टकराव।
- निगरानी व डेटा-ट्रैकिंग की चुनौती: वास्तविक प्रगति मापने हेतु स्पष्ट संकेतक (Indicators) की कमी।
- विकास-प्रकृति द्वंद्व: अल्पकालिक आर्थिक लाभ बनाम दीर्घकालिक पारिस्थितिक संतुलन।
आगे की राह (Way Forward)
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क्षेत्र
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नीति-सुझाव
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1. नीति एकीकरण
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WCPN के सिद्धांतों को राष्ट्रीय नीति व SDG फ्रेमवर्क में समाहित करना।
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2. वित्तीय नवाचार
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“Green Bonds” और “Biodiversity Credits” को बढ़ावा देना।
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3. स्वदेशी सहभागिता
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स्थानीय समुदायों को नीति निर्माण में शामिल करना।
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4. तकनीकी सहयोग
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Geo-spatial और AI आधारित पारिस्थितिक निगरानी।
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5. शिक्षा व जनजागरूकता
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“Peace with Nature Literacy” अभियान स्कूलों व विश्वविद्यालयों में चलाना।
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निष्कर्ष (Conclusion)
- “World Coalition for Peace with Nature” हमें यह सिखाता है कि प्रकृति के विरुद्ध युद्ध मानवता को विनाश की ओर ले जाएगा, जबकि प्रकृति के साथ शांति हमें समृद्धि और स्थायित्व प्रदान करेगी।
- भारत जैसे देश के लिए, जहाँ संस्कृति स्वयं ‘प्रकृति-पूजन’ पर आधारित है, यह गठबंधन केवल पर्यावरणीय पहल नहीं, बल्कि सभ्यतागत पुनर्जागरण का अवसर है।
“Sustainable development is not development against nature, but development through harmony with nature.”