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वैश्विक प्लास्टिक संधि वार्ता और लैंसेट रिपोर्ट

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: पर्यावरण प्रदूषण एवं संरक्षण)

संदर्भ

वर्ष 2022 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA) द्वारा वैश्विक प्लास्टिक संधि की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य प्लास्टिक के पूरे जीवन चक्र में प्रदूषण को कम करना है। हाल ही में लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट ने इस संकट की गंभीरता और इसके समाधान के लिए तत्काल नीतियों की आवश्यकता पर जोर दिया है।

प्लास्टिक प्रदूषण 

  • परिचय: यह प्रदूषण तब होता है जब प्लास्टिक उत्पाद और कचरा पर्यावरण में जमा होकर पारिस्थितिकी तंत्र, मानव स्वास्थ्य और वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाता है।
  • मात्रा: 1950 से अब तक 10 अरब टन प्लास्टिक का उत्पादन हुआ, जिसमें से 8 अरब टन कचरा पर्यावरण में मौजूद है।
  • स्रोत: उत्पादन, उपयोग और निपटान के दौरान प्लास्टिक कचरा समुद्र, नदियों, मिट्टी व वायु में फैलता है।
  • प्रकार:
    • माइक्रोप्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक (MNPs): 1-10 माइक्रोमीटर से छोटे कण, जो मानव शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
    • खतरनाक रसायन: प्लास्टिक में 16,000+ रसायन, जिनमें कार्सिनोजेन, न्यूरोटॉक्सिन और अंतःस्रावी अवरोधक शामिल हैं।
    • अप्रबंधित कचरा: निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में 60% कचरा खुले में जलाया जाता है, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है।
  • प्रभाव:
    • स्वास्थ्य: MNPs फेफड़ों, आंत, यकृत, हृदय और मस्तिष्क में पाए गए, जो फेफड़ों के रोग, हृदयाघात, स्ट्रोक व सूजन संबंधी रोगों से जुड़े हैं।
    • पर्यावरण: समुद्री और स्थलीय प्रजातियों को नुकसान, मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण तथा रोगाणुओं के प्रसार से एंटीबायोटिक प्रतिरोध।
    • आर्थिक: प्रतिवर्ष 1.5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का स्वास्थ्य-संबंधी नुकसान, विशेष रूप से निम्न आय वाले समुदायों पर।

प्लास्टिक संधि वार्ता के बारे में

  • उद्देश्य: कानूनी रूप से बाध्यकारी एक अंतर्राष्ट्रीय संधि, जो प्लास्टिक के पूरे जीवन चक्र (उत्पादन, उपयोग, निपटान) को नियंत्रित करे।
  • अंतरसरकारी वार्ता समिति (INC): वर्ष 2022 में UNEA-5.2 द्वारा स्थापित, जिसका लक्ष्य वर्ष 2024 तक संधि को अंतिम रूप देना था।
  • वर्तमान स्थिति: 5-14 अगस्त, 2025 को जिनेवा में INC-5.2 सत्र, जो वर्ष 2024 में बुसान, दक्षिण कोरिया में असफल वार्ता के बाद दूसरा दौर है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • मार्च 2022: UNEA-5.2 में 175 देशों ने संधि के लिए प्रस्ताव पारित किया।
  • सत्र:
    • INC-1 (नवंबर 2022, उरुग्वे): प्रारंभिक चर्चाएँ
    • INC-2 (मई-जून 2023, पेरिस): ज़ीरो ड्राफ्ट की नींव
    • INC-3 (नवंबर 2023, नैरोबी): ड्राफ्ट में प्रगति किंतु उत्पादन सीमा पर असहमति
    • INC-4 (अप्रैल 2024, ओटावा): हानिकारक रसायनों पर चर्चा किंतु उत्पादन कटौती पर कोई सहमति नहीं
    • INC-5.1 (नवंबर-दिसंबर 2024, बुसान): 3,300 प्रतिनिधियों के साथ असफल, पेट्रो-देशों द्वारा अवरोध
  • उद्देश्य: वर्ष 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना, जिसमें हाई एम्बिशन कोएलिशन (नॉर्वे, रवांडा) का समर्थन।

हालिया लैंसेट रिपोर्ट के बारे में

  • प्रकाशन: 4 अगस्त, 2025 को लैंसेट जर्नल में प्रकाशित, जिसका नेतृत्व डॉ. फिलिप लैंड्रिगन (बोस्टन कॉलेज) ने किया।
  • लैंसेट काउंटडाउन: स्वास्थ्य और प्लास्टिक पर एक वैश्विक निगरानी प्रणाली शुरू, जो वर्ष 2026 में पहली रिपोर्ट जारी करेगी।
  • उद्देश्य: प्लास्टिक के जीवन चक्र के सभी चरणों में स्वास्थ्य प्रभावों को ट्रैक करना और नीति-निर्माण के लिए स्वतंत्र डाटा प्रदान करना।

प्रमुख निष्कर्ष

  • स्वास्थ्य जोखिम: MNPs मानव ऊतकों (मस्तिष्क, हृदय, प्लेसेंटा/Placenta) में पाए गए, जो हृदय, फेफड़े और यकृत रोगों से जुड़े हैं।
  • रसायन खतरा: 16,000+ रसायनों में से कई कैंसरकारी और न्यूरोटॉक्सिक, जो बच्चों व निम्न आय वाले समुदायों को अधिक प्रभावित करते हैं।
  • आर्थिक बोझ: प्रति वर्ष 1.5 ट्रिलियन डॉलर का स्वास्थ्य नुकसान
  • पर्यावरणीय प्रभाव: 8 अरब टन प्लास्टिक कचरा पर्यावरण को प्रदूषित करता है जो समुद्री एवं स्थलीय प्रजातियों को नुकसान पहुँचाता है।
  • हस्तक्षेप की आवश्यकता: साक्ष्य-आधारित नीतियों और अंतर्राष्ट्रीय संधि से नुकसान को कम किया जा सकता है।

प्लास्टिक प्रदूषण की चुनौतियाँ

  • उत्पादन में वृद्धि: वर्ष 2060 तक प्लास्टिक उत्पादन के तीन गुना होने की संभावना, जिससे प्रदूषण बढ़ेगा।
  • पेट्रो-देशों का अवरोध: सऊदी अरब, रूस जैसे देश उत्पादन कटौती का विरोध करते हैं, जिससे वार्ता में रुकावट।
  • उद्योग प्रभाव: पेट्रोकेमिकल और प्लास्टिक उद्योग लॉबी वार्ता को प्रभावित करती है, जिससे कमजोर प्रतिबद्धताएँ सामने आती हैं।
  • वित्त और तकनीक: विकासशील देशों को संधि लागू करने के लिए वित्तीय एवं तकनीकी सहायता की कमी।
  • सामुदायिक भागीदारी: स्वदेशी और सीमांत समुदायों की भागीदारी सीमित, जो सबसे अधिक प्रभावित हैं।

आगे की राह

  • मजबूत संधि: INC-5.2 में उत्पादन कटौती, हानिकारक रसायनों पर प्रतिबंध और पुनर्चक्रण को बढ़ावा देने वाली नीतियों पर सहमति
  • स्वास्थ्य निगरानी: लैंसेट काउंटडाउन के माध्यम से नियमित डाटा संग्रह और नीति सुझाव
  • वित्तीय सहायता: विकासशील देशों के लिए तकनीकी और वित्तीय सहायता के लिए तंत्र स्थापित करना
  • उद्योग जवाबदेही: कोका-कोला जैसे प्रमुख प्रदूषकों को कचरा सफाई के लिए जिम्मेदार ठहराना
  • जागरूकता और भागीदारी: नागरिक समाज और स्वदेशी समुदायों को वार्ता में शामिल करना तथा पारदर्शिता बढ़ाना
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