(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) |
चर्चा में क्यों
गूगल ने भारत में अपनी अब तक की सबसे बड़ी निवेश योजना के तहत कृत्रिम बुद्धिमत्ता केंद्र (AI data centre) बनाने की घोषणा की है।
गूगल का AI डाटा केंद्र के बारे में
- निवेश राशि: $15 बिलियन (पांच वर्षों में, 2026-2030)।
- स्थान: विशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश; भारत का पहला गीगावाट-स्केल AI डाटा सेंटर।
- साझेदार: अडानीकॉनेक्स (अडानी एंटरप्राइजेज और एजकॉनेक्स का संयुक्त उद्यम) और एयरटेल।
- संरचना: गीगावाट-स्केल कम्प्यूट क्षमता, समुद्री केबल गेटवे, और नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचा।
- वैश्विक नेटवर्क: गूगल के 12 देशों में फैले AI केंद्रों का हिस्सा।
- आर्थिक प्रभाव: अगले पांच वर्षों में अमेरिका में $15 बिलियन के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में योगदान, साथ ही भारत में आर्थिक और सामाजिक अवसर।
- रोजगार सृजन: प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 1.88 लाख नौकरियां।
- उद्देश्य: डिजिटल मांगों को पूरा करना, AI नवाचार को बढ़ावा देना, और स्टार्टअप्स के लिए अवसर पैदा करना।
निवेश के कारण
- बढ़ती डिजिटल मांग: भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 2025 में 90 करोड़ से अधिक होने की उम्मीद, जिसके लिए मजबूत डाटा सेंटर की आवश्यकता है।
- AI क्रांति: भारत सरकार की 'India AI Mission' के तहत AI को राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में बढ़ावा।
- रणनीतिक स्थान: विशाखापट्टनम भारत के पूर्वी तट पर है, जो मुंबई और चेन्नई के मौजूदा समुद्री केबल लैंडिंग्स के लिए पूरक है।
- आर्थिक अवसर: भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था में निवेश के लिए अनुकूल माहौल, खासकर NDA सहयोगी आंध्र प्रदेश सरकार के समर्थन से।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा: गूगल का यह निवेश उसे भारत के AI और क्लाउड मार्केट में अग्रणी बनाए रखने में मदद करेगा।
लाभ
- आर्थिक विकास: विशाखापट्टनम में डेटा सेंटर भारत और अमेरिका दोनों के लिए आर्थिक अवसर पैदा करेगा। Access Partnership के विश्लेषण के अनुसार, यह परियोजना 2026-2030 तक $15 बिलियन का GDP योगदान देगी।
- रोजगार सृजन: 1.88 लाख नौकरियां, तकनीकी और उच्च-मूल्य क्षेत्रों में।
- डिजिटल बुनियादी ढांचा: नया समुद्री केबल गेटवे भारत की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा, जिससे इंटरनेट की गति और विश्वसनीयता बढ़ेगी।
- AI नवाचार: भारत में AI सेवाओं और स्टार्टअप्स के लिए नए अवसर, जिससे 'AI for All' का लक्ष्य साकार होगा।
- स्वच्छ ऊर्जा: गूगल स्थानीय भागीदारों के साथ नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा भंडारण प्रणालियों पर काम करेगा, जो पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देगा।
- क्षेत्रीय विकास: आंध्र प्रदेश को तकनीकी और निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करेगा, जिससे अन्य वैश्विक कंपनियों का ध्यान आकर्षित होगा।
चुनौतियां
- राजनीतिक तनाव: भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव और स्वदेशी उत्पादों पर जोर देने से नीतिगत बाधाएं आ सकती हैं।
- कौशल की कमी: AI और क्लाउड कंप्यूटिंग के लिए कुशल पेशेवरों की आवश्यकता, जिसके लिए बड़े पैमाने पर री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग की जरूरत है।
- पर्यावरणीय चिंताएं: डाटा सेंटरों की उच्च ऊर्जा खपत और स्थानीय पर्यावरण पर प्रभाव एक चुनौती हो सकता है।
- नियामक बाधाएं: डाटा गोपनीयता और साइबर सुरक्षा से संबंधित भारत के सख्त नियम परियोजना की प्रगति को प्रभावित कर सकते हैं।
- स्थानीय प्रतिस्पर्धा: स्वदेशी तकनीकी कंपनियों और ऐप्स को बढ़ावा देने की सरकारी नीति से गूगल को प्रतिस्पर्धी दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
आगे की राह
- कौशल विकास: गूगल को भारत के IT पेशेवरों के लिए व्यापक री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग कार्यक्रम आवश्यक, ताकि AI और क्लाउड क्षेत्र में प्रतिभा की कमी दूर हो।
- स्थानीय साझेदारी: जिससे बुनियादी ढांचा और ऊर्जा समाधान स्थानीय जरूरतों के अनुरूप हों।
- नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर: डेटा सेंटर की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश बढ़ाना।
- नियामक अनुपालन: भारत के डाटा संरक्षण और साइबर सुरक्षा कानूनों का पालन सुनिश्चित करना, ताकि विश्वास और पारदर्शिता बनी रहे।
- समावेशी विकास: छोटे उद्यमों और स्टार्टअप्स को AI टूल्स तक पहुंच प्रदान करना, ताकि डिजिटल अर्थव्यवस्था में समावेशिता बढ़े।
- क्षेत्रीय नेतृत्व: आंध्र प्रदेश को AI और डिजिटल नवाचार का केंद्र बनाकर, अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल प्रस्तुत करना।