| (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन पेपर - III विज्ञान और प्रौद्योगिकी + शासन) |
चर्चा में क्यों?
सड़क दुर्घटनाओं और मौतों की बढ़ती घटनाओं पर नियंत्रण पाने के उद्देश्य से, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) अब इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (e-DAR) और एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस (iRAD) प्रणाली के माध्यम से वर्ष 2023 और 2024 के लिए ब्लैक स्पॉट डेटा जारी करने जा रहा है। यह पहल राज्य पुलिस द्वारा एकत्रित वास्तविक समय (real-time) दुर्घटना डेटा पर आधारित होगी, जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटना-प्रवण क्षेत्रों की शीघ्र पहचान और सुधार संभव होगा।

राष्ट्रीय राजमार्गों पर ब्लैक स्पॉट की स्थिति
- भारत में दुनिया की सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएँ दर्ज की जाती हैं, और इनमें से अधिकांश राष्ट्रीय राजमार्गों (NHs) पर स्थित ब्लैक स्पॉट्स के कारण होती हैं - ये ऐसे मार्ग खंड हैं जहाँ बार-बार गंभीर दुर्घटनाएँ घटती हैं।
- मार्च 2025 में, संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee) ने MoRTH की आलोचना करते हुए इसे “महत्वपूर्ण प्रशासनिक विफलता” बताया था।
- प्रमुख आँकड़े:
- अब तक 13,795 ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गई है।
- इनमें से केवल 5,036 स्थानों पर स्थायी सुधार कार्य पूर्ण हुआ है।
- हजारों खतरनाक स्थान अब भी अनसुलझे हैं।
त्रि-स्तरीय कार्य योजना (Three-Tier Action Plan)
संसदीय समिति ने ब्लैक स्पॉट्स के त्वरित सुधार हेतु एक समयबद्ध 3-स्तरीय योजना प्रस्तावित की है:
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श्रेणी
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जोखिम स्तर
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सुधार की समय-सीमा
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A
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उच्च जोखिम
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30 दिनों में स्थायी समाधान
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B
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मध्यम जोखिम
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90 दिनों में सुधार
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C
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कम जोखिम
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दिनों में सुधार
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यदि किसी एजेंसी द्वारा समयसीमा का पालन नहीं किया जाता है, तो उसे वित्तीय या प्रशासनिक दंड का सामना करना होगा।
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जवाबदेही और निगरानी (Accountability and Monitoring)
- समिति ने MoRTH से आग्रह किया है कि
- कार्यान्वयन के 3 महीने और 12 महीने बाद ऑडिट रिपोर्ट कराई जाए।
- एक सार्वजनिक डैशबोर्ड (Public Dashboard) तैयार किया जाए ताकि नागरिक प्रगति पर नज़र रख सकें।
- MoRTH का लक्ष्य है-
- वित्त वर्ष 2027-28 तक सभी ब्लैक स्पॉट्स का उन्मूलन
- 2028 तक सड़क दुर्घटनाओं में 95% की कमी
- हालांकि, अब तक की प्रगति धीमी है - अधिकतर अल्पकालिक (temporary) उपाय ही अपनाए गए हैं।
ई-डीएआर (e-DAR) और आईआरएडी (iRAD) प्रणाली क्या है?
- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा विकसित यह प्रणाली भारत की राष्ट्रीय सड़क दुर्घटना सूचना प्रणाली (National Accident Information System) के रूप में कार्य करती है।
- मुख्य उद्देश्य:
- एक केंद्रीकृत राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करना।
- दुर्घटनाओं के कारणों और पैटर्न की पहचान करना।
- सड़क सुरक्षा उपायों के लिए डेटा-आधारित निर्णय को सक्षम बनाना।
- पीड़ितों के मुआवजा दावों को शीघ्र और पारदर्शी बनाना।
सिस्टम कैसे काम करता है?
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चरण
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विवरण
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1 डेटा संग्रहण
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पुलिस अधिकारी iRAD मोबाइल ऐप से दुर्घटना की जानकारी (फोटो, वीडियो, स्थान, समय) तुरंत दर्ज करते हैं।
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2 विशिष्ट आईडी निर्माण
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हर दुर्घटना को एक यूनिक ID दी जाती है ताकि उसे ट्रैक किया जा सके।
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3 डेटा अपलोड और विश्लेषण
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यह जानकारी केंद्रीय डेटाबेस में अपलोड होकर इंजीनियरों व अधिकारियों को विश्लेषण हेतु भेजी जाती है।
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4 रिपोर्ट तैयार
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सिस्टम ब्लैक स्पॉट्स की पहचान और कारणों का विश्लेषण करने हेतु डैशबोर्ड रिपोर्ट तैयार करता है।
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5 मुआवजा दावा प्रक्रिया
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e-DAR पोर्टल के माध्यम से पीड़ित या उनके परिवार शीघ्र मुआवजा दावा दर्ज कर सकते हैं।
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वास्तविक समय (Real-Time) डेटा से ब्लैक स्पॉट की पहचान
- MoRTH अब 2023–24 के लिए e-DAR और iRAD आधारित वास्तविक समय डेटा जारी करने जा रहा है।
- यह डेटा पुलिस द्वारा मोबाइल ऐप के ज़रिए जियो-टैग की गई दुर्घटनाओं पर आधारित है।
- ब्लैक स्पॉट की परिभाषा:
- राष्ट्रीय राजमार्ग पर 500 मीटर के उस खंड को ब्लैक स्पॉट कहा जाता है, जहाँ तीन वर्षों में पाँच या अधिक गंभीर दुर्घटनाएँ या दस मौतें दर्ज की गई हों।
- इन स्थानों को सड़क सुरक्षा सुधार कार्यक्रम (Road Safety Improvement Programme) के अंतर्गत प्राथमिकता दी जाएगी।
डेटा कवरेज और सुधार
- 2022 तक केवल सीमित डेटा उपलब्ध था।
- अब MoRTH ने e-DAR/iRAD प्रणाली से 2023-24 तक का डेटा संकलित किया है।
- 2016–2022 के दौरान पहचाने गए 13,795 ब्लैक स्पॉट्स में से 5,036 पर दीर्घकालिक सुधार कार्य पूर्ण।

डेटा विसंगतियों को दूर करने के प्रयास
- परिवहन अनुसंधान प्रकोष्ठ (Transport Research Wing - TRW) राज्यों द्वारा प्रदान किए गए ब्लैक स्पॉट डेटा की जाँच करता है।
- पहले डेटा में राज्यवार विसंगतियाँ (Discrepancies) थीं - विशेषकर पंजाब और झारखंड में।
- अब ये अंतर 5% से कम रह गए हैं।
- उदाहरण:
- 2024 में, MoRTH ने e-DAR और TRW डेटा में केवल
- 18,069 दुर्घटनाओं (3.96%)
- 7,020 मौतों (4.3%) का अंतर पाया।
आगे की दिशा
- MoRTH अब e-DAR प्रणाली को राज्य पुलिस रिकॉर्ड के साथ संरेखित (Synchronize) करने की प्रक्रिया में है।
- इससे:
- डेटा की सटीकता बढ़ेगी,
- दुर्घटना-प्रवण क्षेत्रों की शीघ्र पहचान संभव होगी,
- और सड़क सुरक्षा नीति डेटा-संचालित (Data-driven) बन सकेगी।
- यह कदम भारत को सड़क सुरक्षा प्रबंधन के डिजिटल युग में एक बड़ी छलांग देगा।
निष्कर्ष
- ई-डीएआर और आईआरएडी जैसी तकनीकी प्रणालियाँ न केवल सड़क दुर्घटनाओं के आँकड़ों को वास्तविक समय में उपलब्ध करा रही हैं, बल्कि साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण की दिशा में भारत को आगे बढ़ा रही हैं।
- यदि इन डेटा का सही उपयोग और समयबद्ध सुधार किया गया, तो भारत 2028 तक सड़क दुर्घटनाओं में 90% से अधिक कमी लाने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।