भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों की राय निवेश और आर्थिक नीतियों पर सीधा प्रभाव डालती है। हाल ही में फिच (Fitch) ने भारत की साख को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी की है।
भारत के लिए फिच क्रेडिट रेटिंग
- फिच ने भारत की क्रेडिट रेटिंग BBB- पर बरकरार रखी है और इसका आउटलुक ‘स्थिर’ (Stable) बताया है।
- यह निवेश योग्य (Investment Grade) की न्यूनतम श्रेणी है जिसका अर्थ है कि भारत में निवेश सुरक्षित माना जा सकता है किंतु जोखिम अपेक्षाकृत अधिक है।
- Fitch की रेटिंग श्रेणियाँ
- निवेश योग्य श्रेणी (Investment Grade): AAA, AA, A, BBB
- सट्टा श्रेणी (Speculative Grade): BB, B, CCC, CC, C, D
फिच रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
- भारत की वृद्धि दर मजबूत बनी हुई है किंतु सरकारी वित्तीय स्थिति को लेकर चिंता बनी हुई है।
- जीएसटी सुधार (GST Reforms) दीर्घकाल में लाभकारी होंगे किंतु अल्पकाल में राजस्व पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं।
- भारत का कुल सरकारी ऋण (Debt-to-GDP Ratio) 2025-26 में बढ़कर 81.5% तक पहुँच सकता है।
- फिच का अनुमान है कि भारत की वास्तविक GDP वृद्धि 6.5% रहेगी, जो वैश्विक औसत से कहीं अधिक है।
- सरकार की राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) कम करने की प्रतिबद्धता पर सकारात्मक टिप्पणी की गई है।
वर्तमान वैश्विक परिदृश्य
- अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर बढ़ाए गए शुल्क (50%) भारत के निर्यात पर दबाव डाल सकते हैं।
- वैश्विक स्तर पर वृद्धि की गति धीमी है, जबकि भारत अपेक्षाकृत मजबूत स्थिति में है।
- मुद्रास्फीति (Inflation) नियंत्रण में रखने के लिए आर.बी.आई. के प्रयासों की सराहना की गई है।
भारत की भविष्य संभावनाएँ
- मजबूत घरेलू मांग और सरकारी पूंजीगत व्यय से विकास की गति बनी रहेगी।
- निजी निवेश मध्यम स्तर पर रहेगा किंतु सुधारों (जैसे- श्रम व भूमि कानून) से दीर्घकालिक वृद्धि की संभावना है।
- यदि सरकार ऋण-से-जी.डी.पी. अनुपात को नियंत्रित कर पाती है तो भारत की रेटिंग भविष्य में सुधर सकती है।