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भारत द्वारा अफ्रीकी देशों एवं द्वीपीय देशों में सौर ऊर्जा का विस्तार

(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा)

संदर्भ

भारत सरकार के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी के अनुसार केंद्र सरकार प्रधानमंत्री कुसुम (PM-KUSUM) और प्रधानमंत्री सूर्य घर कार्यक्रमों को अफ्रीकी व द्वीपीय देशों में प्रदर्शित करने की योजना बना रही है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से उन देशों में महत्वपूर्ण होगा जहाँ कनेक्टिविटी की समस्या है। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) के माध्यम से इन देशों में सौर ऊर्जा की संभावना को बढ़ावा दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री कुसुम कार्यक्रम का उद्देश्य

  • प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत में कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा बुनियादी ढांचे का विकास करना है और इसका बजट 34,000 करोड़ रुपए है। 
  • इस कार्यक्रम के अंतर्गत किसानों के स्वामित्व वाली भूमि पर 100 गीगावाट सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना, 14 लाख सौर पंपों की स्थापना और 35 लाख ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से युक्त करना है। 

विकास एवं लक्ष्य        

  • वर्ष 2019 में शुरू किए गए इस कार्यक्रम का प्राथमिक लक्ष्य वर्ष 2022 तक 308 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता जोड़ना था, जो पूरा नहीं हो पाया। इसके बाद केंद्र सरकार ने 348 गीगावाट का नया लक्ष्य तय किया, जिसकी समय-सीमा मार्च 2026 रखी गई है।
  • 30 सितंबर, 2025 तक इस योजना के एक हिस्से के तहत लगभग 17.5 लाख सौर पंप किसानों के खेतों में लगाए जाने थे, जिसमें 70% प्रगति देखी गई है। 
  • वहीं विकेंद्रीकृत ग्रिड से जुड़े सौर संयंत्रों की संख्या केवल 6% है और ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों की स्थापना 16%-25% के बीच हुई है। 

अंतर्राष्ट्रीय विस्तार और भविष्य की दिशा

  • भारत की सौर पंपों की सफलता ने अफ्रीकी देशों और द्वीपीय देशों में काफी रुचि जगाई है। आई.एस.ए. के अनुसार, अफ्रीका में केवल 4% कृषि योग्य भूमि ही सिंचित है, जबकि वहाँ 400 अरब डॉलर का खाद्यान्न आयात किया जाता है। 
  • अफ्रीकी देशों के कई नेताओं ने भारत की सफलता को देखकर सौर पंपों के क्षेत्र में रुचि दिखाई है जो सौर ऊर्जा कंपनियों के लिए नई संभावनाएं खोलता है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, इस योजना को वर्ष 2026 के बाद भी बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, ग्रिड से जुड़े पंपों की स्थापना में समय लग रहा है किंतु किसानों द्वारा स्टैंडअलोन सौर पंपों की स्थापना में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की गई है। अगले कुछ वर्षों में इस योजना का लक्ष्य आसानी से पूरा हो जाएगा। 

भारत की सॉफ्ट पावर में वृद्धि 

  • प्रधानमंत्री कुसुम और सूर्य घर कार्यक्रम भारत में सौर ऊर्जा के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं, जो न केवल कृषि क्षेत्र को सशक्त बना रहे हैं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की ऊर्जा पहल को भी मजबूत कर रहे हैं।
  • अफ्रीकी और द्वीपीय देशों में इन कार्यक्रमों का विस्तार भारत को वैश्विक सौर ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नेता बना सकता है। 
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