(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3: पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी; पर्यावरण संरक्षण; पर्यावरण प्रभाव का आकलन) |
चर्चा में क्यों
अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने हाल ही में तमिलनाडु के पाक खाड़ी (Palk Bay) स्थित भारत के पहले डुगोंग संरक्षण रिज़र्व को मान्यता प्रदान की है।

भारत का पहला डुगोंग रिज़र्व
- तमिलनाडु सरकार ने सितंबर 2022 में 448.34 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत डुगोंग रिज़र्व घोषित किया था।
- यह क्षेत्र पाक खाड़ी के उत्तरी भाग में स्थित है और यहाँ लगभग 12,250 हेक्टेयर समुद्री घासभूमि (Seagrass) पाई जाती है, जो डुगोंग का मुख्य भोजन स्थल है।
मुख्य बिंदु
- IUCN के वर्ल्ड कंजर्वेशन कांग्रेस 2025 में इस रिज़र्व को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली।
- मतदान में 98% देशों व सरकारी एजेंसियों तथा 94.8% गैर-सरकारी संस्थाओं और शोध संगठनों ने इसका समर्थन किया।
- तमिलनाडु सरकार के प्रयासों को सराहा गया, जिनमें डुगोंग बचाव, मछुआरों को मुआवज़ा और जागरूकता अभियान शामिल हैं।
- वर्ष 2021 से सितंबर 2025 तक 16 डुगोंग को बचाकर पुनः समुद्र में छोड़ा गया।
- मछुआरों को अब तक ₹2.75 लाख मुआवज़ा और इनाम दिया गया है ताकि वे दुर्घटनावश पकड़े गए डुगोंग की सूचना तुरंत प्रशासन को दें।
डुगोंग के बारे में

- डुगोंग (Dugong dugon) समुद्री शाकाहारी स्तनपायी जीव है।
- यह मुख्य रूप से सीग्रास खाता है और "सी काउ" (समुद्री गाय) के नाम से भी जाना जाता है।
- डुगोंग को IUCN रेड लिस्ट में “संवेदनशील” (Vulnerable) श्रेणी में रखा गया है।
- भारतीय जलक्षेत्र में यह प्रजाति पाक खाड़ी, मन्नार की खाड़ी और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में पाई जाती है।
- विश्व डुगोंग दिवस हर साल 28 मई को मनाया जाता है।
विशेषताएँ
- शाकाहारी समुद्री जीव, जो पूरी तरह सीग्रास पर निर्भर है।
- धीमी गति से चलने वाला और शांत स्वभाव का।
- इनकी आयु लगभग 70 वर्ष तक हो सकती है।
- समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका।
संरक्षण प्रयास
- सरकारी पहल: तमिलनाडु सरकार ने मछुआरों को मुआवज़ा देकर सहयोग की नई परंपरा शुरू की।
- समुदाय-आधारित संरक्षण: मछुआरों को अब डुगोंग पकड़ने पर छिपाने के बजाय प्रशासन को सूचना देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- वैज्ञानिक पहल: सीग्रास के संरक्षण और पुनर्जनन पर काम हो रहा है।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग: IUCN के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय साझेदारी और तकनीकी सहयोग का रास्ता खुला है।