| GS paper -III: Environment |
भारत ने UNCBD (United Nations Convention on Biological Diversity) के COP16 (काली, कोलंबिया – 2024) में अपडेटेड राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीति और कार्य योजना 2024–30 (NBSAP 2024–30) प्रस्तुत की। यह पहल भारत की जैव विविधता संरक्षण के प्रति सुदृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है और कुनमिंग–मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता ढाँचा (KMGBF) के लक्ष्यों के अनुरूप है।

पृष्ठभूमि
- UNCBD के अनुच्छेद 6 के अनुसार, प्रत्येक पक्षकार देश को NBSAP तैयार करना और अद्यतन करना अनिवार्य है।
- भारत की NBSAP यात्रा:
|
वर्ष
|
पहल
|
विवरण
|
|
1999
|
प्रथम NBSAP
|
भारत की पहली व्यापक जैव विविधता रणनीति।
|
|
2008
|
National Biodiversity Action Plan (NBAP)
|
जैव विविधता अधिनियम 2002 के अनुरूप राष्ट्रीय नीति ढाँचा।
|
|
2014
|
NBAP (Updated)
|
आईची जैव विविधता लक्ष्यों (Aichi Targets) के अनुरूप संशोधित।
|
|
2024–30
|
Updated NBSAP
|
KMGBF (2022) और SDGs 2030 के अनुरूप नया संस्करण।
|
दृष्टिकोण (Vision & Approach)
- “Whole of Government, Whole of Society” दृष्टिकोण — सरकार, उद्योग, समुदाय और नागरिक समाज सभी की साझेदारी।
- कुनमिंग–मॉन्ट्रियल फ्रेमवर्क के तीन प्रमुख स्तंभों से सामंजस्य:
- जैव विविधता के लिए खतरों में कमी।
- प्राकृतिक संसाधनों का संधारणीय उपयोग (Sustainable Use)।
- कार्यान्वयन हेतु प्रभावी साधन एवं वित्तीय तंत्र।
राष्ट्रीय जैव विविधता लक्ष्य (NBTs)
- कुल 23 राष्ट्रीय लक्ष्य (NBTs) निर्धारित किए गए हैं।
- ये लक्ष्यों को तीन मुख्य क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है:
- Threat Reduction – पारिस्थितिक क्षरण, आक्रामक प्रजातियाँ, प्रदूषण आदि से निपटना।
- Sustainable Utilisation – प्राकृतिक संसाधनों का न्यायपूर्ण उपयोग।
- Means of Implementation – विज्ञान, नीति, वित्त और संस्थागत सहयोग।
कार्यान्वयन रूपरेखा
- केंद्रीय एजेंसी: पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC)
- संवैधानिक संरचना:
|
स्तर
|
संस्था
|
प्रमुख भूमिका
|
|
राष्ट्रीय स्तर
|
राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA)
|
नीति, समन्वय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग।
|
|
राज्य स्तर
|
राज्य जैव विविधता बोर्ड / केंद्रशासित प्रदेश परिषद
|
राज्य-स्तरीय नीति एवं अनुमोदन।
|
|
स्थानीय स्तर
|
जैव विविधता प्रबंधन समितियाँ (BMCs)
|
स्थानीय संसाधन प्रबंधन एवं ‘पीपुल्स बायोडायवर्सिटी रजिस्टर’।
|
संसाधन जुटाना (Resource Mobilisation)
- भारत को BIOFIN (Biodiversity Finance Initiative) लागू करने वाले प्रमुख देशों में गिना गया है।
- BIOFIN (UNDP + EU Commission):
- उद्देश्य: जैव विविधता संरक्षण हेतु वित्तीय प्रवाह की पहचान और विस्तार।
- भारत ने इसे राष्ट्रीय बजट, CSR, ग्रीन बॉन्ड्स, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से जोड़ने की दिशा में काम शुरू किया है।
अन्य प्रमुख विशेषताएँ
- Ecosystem-based Management: पारिस्थितिक तंत्र आधारित पुनर्बहाली और स्थानीय स्तर से नीति-निर्माण (bottom-up approach)।
- Biodiversity Mainstreaming: कृषि, जल, उद्योग, शहरी नियोजन और पर्यटन क्षेत्रों में जैव विविधता को नीति-निर्णय का हिस्सा बनाना।
- डेटा एवं निगरानी: जैव विविधता डेटाबेस और पारदर्शी रिपोर्टिंग तंत्र (Monitoring & Review System)।
- जन-भागीदारी और शिक्षा: स्कूलों, पंचायतों और शहरी निकायों में पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा देना।
महत्व और प्रभाव
|
क्षेत्र
|
प्रभाव
|
|
पर्यावरणीय
|
पारिस्थितिकी तंत्र की पुनर्बहाली और जलवायु सहनशीलता (Resilience)।
|
|
सामाजिक-आर्थिक
|
ग्रामीण रोजगार, सतत कृषि और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा।
|
|
वैश्विक नीति
|
KMGBF के अनुरूप भारत की वैश्विक नेतृत्व भूमिका।
|
|
वित्तीय
|
BIOFIN जैसे तंत्र से जैव विविधता-आधारित विकास का वित्तपोषण।
|
अन्य संबंधित पहलें
- जैविक विविधता नियमावली, 2004:
- राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA) की भूमिका तय की गई — विदेशी संस्थाओं से समझौते, IPR सुरक्षा आदि।
- राज्य-स्तरीय पहलें:
- अरुणाचल प्रदेश ने पहली राज्य जैव विविधता रणनीति एवं कार्य योजना जारी की।
- इसमें जिला-स्तरीय क्रियान्वयन योजनाएँ शामिल हैं।
- पीपुल्स बायोडायवर्सिटी रजिस्टर (PBR):
- स्थानीय समुदायों द्वारा जैव संसाधनों का दस्तावेजीकरण।