चर्चा में क्यों ?
- प्रख्यात विधिवेत्ता और नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं।
- उन्हें जेन-जेड विरोधी समूहों, नेपाली सेना और राष्ट्रपति रण चंद्र पौडेल के समझौते के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया।
- 73 वर्षीय कार्की को 12 सितंबर 2025 को शपथ दिलाई गई।

- यह नियुक्ति उस युवा नेतृत्व वाले विद्रोह के बाद हुई, जिसने भ्रष्ट गठबंधन को सत्ता से बाहर किया और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देने पर मजबूर किया।
- यह बदलाव नेपाली राजनीति में ऐतिहासिक पीढ़ीगत बदलाव का प्रतीक माना जा रहा है।
जेन-जेड विद्रोह और राजनीतिक बदलाव
भ्रष्टाचार और शासन की विफलताओं के खिलाफ युवा नेपालियों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया।
- सरकार के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों ने विद्रोह को और तेज़ कर दिया।
- विरोध हिंसक हो गया, जिसमें 30 से अधिक लोग मारे गए और 1,000 से अधिक घायल हुए।
- इस आंदोलन के परिणामस्वरूप पुराने राजनीतिक नेताओं को इस्तीफा देना पड़ा, जिससे नेपाल की राजनीति में नए नेतृत्व के लिए अवसर पैदा हुआ।
नेतृत्व के लिए विचार किए गए नामों में काठमांडू के मेयर बालेन्द्र शाह और नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व प्रमुख कुलमन घीसिंग शामिल थे।
सुशीला कार्की की स्वच्छ छवि, भ्रष्टाचार विरोधी रिकॉर्ड और सार्वजनिक विश्वसनीयता के कारण उन्हें सर्वसम्मति से चुना गया।
सुशीला कार्की का जीवन और करियर
जन्म और शिक्षा
- जन्म: 7 जून 1952, विराटनगर, नेपाल
- बीए, महेंद्र मोरंग कैम्पस, नेपाल (1972)
- एम.ए. (राजनीति विज्ञान), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, भारत (1975)
- एलएलबी, त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल (1978)
कानूनी और न्यायिक करियर
- 1979 में कानूनी करियर की शुरुआत; 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता बने।
- 2009 में तदर्थ सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त; 2010 में स्थायी न्यायाधीश।
- नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश (जुलाई 2016 - जून 2017)।
- भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता और न्यायिक स्वतंत्रता के लिए जानी जाती हैं।
- 2017 में महाभियोग का सामना किया, लेकिन अपना कार्यकाल पूरा किया।
अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में उनकी प्राथमिकताएँ
- नेपाल में राजनीतिक स्थिरता बहाल करना।
- अगले 6-12 महीनों में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना।
- पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देकर जनता का विश्वास बहाल करना।
हालांकि उन्हें व्यापक जनसमर्थन प्राप्त है, नेपाल में गहरे राजनीतिक विभाजन, आर्थिक मंदी और कमजोर लोकतांत्रिक संस्थाएँ चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व
- नेपाल भारत और चीन के बीच रणनीतिक भू-राजनीतिक स्थिति में स्थित है।
- सुशीला कार्की का नेतृत्व पीढ़ीगत और लैंगिक मील का पत्थर साबित हो सकता है और दक्षिण एशिया में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को प्रेरित करेगा।
- भारत-नेपाल संबंधों पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि कार्की ने भारत में अध्ययन किया है और उनके शैक्षणिक संबंध मजबूत हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य
तथ्य
|
विवरण
|
नाम
|
सुशीला कार्की
|
पद
|
नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री (पहली महिला प्रधानमंत्री)
|
चयनकर्ता
|
जेन-जेड विरोध नेता, नेपाली सेना, राष्ट्रपति रण चंद्र पौडेल
|
पूर्ववर्ती
|
केपी शर्मा ओली
|
मुख्य भूमिका
|
नेपाल को 6-12 महीनों के भीतर चुनावों के लिए मार्गदर्शन करना
|
पृष्ठभूमि
|
नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश (2016-2017)
|
प्रश्न:- नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री कौन बनीं ?
(a) बालेन्द्र शाह
(b) सुशीला कार्की
(c) कुलमन घीसिंग
(d) केपी शर्मा ओली
|