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लेसर फ्लोरिकन (खरमोर)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, ‘लेसर फ्लोरिकन’ (LESSER FLORICAN) को पहली बार इसके सबसे लंबे प्रवास मार्ग राजस्थान से महाराष्ट्र (अहमदनगर ज़िले) तक ट्रैक किया गया है। इसके लिये टेलीमेट्री अभ्यास किया गया था। 

प्रमुख बिंदु

  • लेसर फ्लोरिकन, बस्टर्ड समूह से संबंधित एक छोटी और पतली पक्षी प्रजाति है, जिसे सिफियोटाइड्स इंडिकस के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 
  • यह लंबे घास के मैदानों में पाई जाती है। इसे स्थानीय भाषा में ‘खरमोर’ कहते है। 
  • भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के अनुसार खरमोर केवल चार राज्यों- राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र में ही पाए जाते हैं।  
  • इस पक्षी को मानसून के दौरान देखा जाता है, जो इसके प्रजनन का समय है। इसके बाद यह गायब हो जाती है।

इसे आई.यू.सी.एन. की लाल सूची में ‘गंभीर रूप से संकटग्रस्त’ श्रेणी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

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