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2000 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने की अनुमति

प्रारंभिक परीक्षा – प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 2 – स्वास्थ्य से जुड़े विषय

चर्चा में क्यों?

  • भारत सरकार ने देशभर में 2000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोलने की अनुमति देने का फ़ैसला किया है।
  • देशभर में 2000 PACS की प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के रूप में खोलने के लिए पहचान की जाएगी, इनमें से 1000 जन औषधि केंद्र इस साल अगस्त तक और 1000 दिसंबर तक खोले जाएँगे।
  • इस महत्वपूर्ण निर्णय से PACS की आय बढ़ने और रोज़गार के अवसर पैदा होने के साथ ही लोगोंख़ासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को सस्ती क़ीमत पर दवाइयाँ भी उपलब्ध होंगी।

वर्तमान स्थिति:

  • देशभर में अभी तक 9400 से अधिक प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं।
  • इनमें 1800 प्रकार की दवाइयां एवं 285 अन्य मेडिकल डिवाइस उपलब्ध हैं। 

आवश्यक शर्तें

  • प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोलने के लिए पात्रता मानदंड के तहत व्यक्तिगत आवेदकों को डी. फार्मा/बी. फार्मा होना चाहिए। 
  • इसके लिए कोई भी संगठनएन.जी.ओ.धर्मार्थ संगठन एवं हॉस्पिटल आवेदन के लिए बी.फार्मा/डी.फार्मा डिग्री धारकों को नियुक्त कर सकता है।
  • प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के लिए स्वयं या किराए का कम से कम 120 वर्ग फुट स्थान होना चाहिए। 
  • जन औषधि केंद्र के लिए आवेदन शुल्क 5000 रुपये है। 
  • महिला उद्यमी, दिव्यांग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और भूतपूर्व सैनिक विशेष श्रेणी में आते हैं। 
  • आकांक्षी जिले, हिमालयी पर्वतीय क्षेत्र, उत्तर-पूर्वी राज्य और द्वीप समूह विशेष क्षेत्र में हैं। 
  • विशेष श्रेणी एवं विशेष क्षेत्र के आवेदकों को आवेदन शुल्क में छूट है।

विशेषताएँ

  • प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के लिए प्रोत्साहन राशि 5 लाख रुपये (मासिक खरीद का 15% या अधिकतम रुपये 15,000 प्रति माह) है। 
  • विशेष श्रेणियों एवं क्षेत्रों में आईटी और इन्फ्रा व्यय के लिए प्रतिपूर्ति के रूप में 2 लाख रुपये की एक मुश्त अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाती है।
  • जन औषधि दवाओं की कीमतें खुले बाजार में ब्रांडेड दवाओं की कीमतों की तुलना में 50%-90% कम हैं।
  • उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए केवल विश्व स्वास्थ्य संगठन - गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज (WHO-GMP) प्रमाणित आपूर्तिकर्ताओं से दवाएं खरीदी जाती हैं।
  • उत्तम गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए दवा के प्रत्येक बैच का परीक्षण 'राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज' (NABLY) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में किया जाता है। 

पीएमबीआई:

  • फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) की कार्यान्वयन एजेंसी है, पीएमबीआई की स्थापना दिसंबर, 2008 में भारत सरकार के फार्मास्यूटिकल्स विभाग के तहत की गई थी। ब्यूरो को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत अप्रैल, 2010 में एक अलग स्वतंत्र कानूनी इकाई के रूप में एक स्वतंत्र सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया है। 
  • PMBI समय-समय पर संशोधित GFR, 2017 के प्रावधानों, CVC और औषधि विभाग के दिशा-निर्देशों और निर्देशों का पालन करता है।
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