केरल सरकार ने हाल ही में प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PM SHRI) योजना में शामिल होने का निर्णय लिया है।
यह कदम राज्य सरकार के अनुसार एक रणनीतिक निर्णय है ताकि केंद्र द्वारा शिक्षा मद में धन आवंटन की कमी को पूरा किया जा सके।
यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब राज्यों को समग्र शिक्षा और अन्य शैक्षणिक परियोजनाओं के लिए धन की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
पीएम-श्री योजना के बारे में
प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PM SHRI) योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 में की थी।
इसका उद्देश्य भारत के सरकारी विद्यालयों को ‘मॉडल स्कूल’ के रूप में विकसित करना है ताकि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के सभी मानकों को पूरा करें।
इस योजना के अंतर्गत भारत भर में 14,500 से अधिक सरकारी स्कूलों को उन्नत किया जाएगा।
मुख्य विशेषताएँ
स्कूलों का चयन:प्रत्येक जिले में कुछ चयनित सरकारी स्कूलों को PM SHRI स्कूल के रूप में चिन्हित किया जाएगा।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर: ये स्कूल छात्रों को केवल पुस्तक आधारित शिक्षा नहीं, बल्कि आधुनिक तकनीक, नवाचार एवं कौशल आधारित शिक्षा प्रदान करेंगे।
अवसंरचना सुधार:
स्मार्ट क्लासरूम
सौर ऊर्जा आधारित भवन
स्वच्छता और सुरक्षित पेयजल की सुविधा
दिव्यांग अनुकूल वातावरण
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य:
बहुभाषिक शिक्षा को बढ़ावा
जीवन कौशल का विकास
पर्यावरण जागरूकता और सतत विकास पर जोर
केंद्र और राज्य की साझेदारी: केंद्र और राज्य सरकारें 60:40 के अनुपात में वित्तीय योगदान करती हैं (पूर्वोत्तर व पहाड़ी राज्यों के लिए 90:10 अनुपात)
महत्त्व
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार:पीएम-श्री स्कूल देश में सर्वोत्तम प्रथाओं (Best Practices) का उदाहरण बनेंगे।
डिजिटल और नवाचार आधारित शिक्षा:ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को भी उन्नत तकनीकी शिक्षा तक पहुँच मिलेगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन:यह योजना NEP 2020 के लक्ष्यों को व्यवहार में लाने का प्रमुख माध्यम बनेगी।
रोजगार और कौशल वृद्धि: छात्रों में नई तकनीकों के प्रति रुचि बढ़ेगी जिससे वे भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए तैयार होंगे।
राज्य-केंद्र सहयोग का उदाहरण: इस योजना के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में सहकारी संघवाद को बढ़ावा मिलता है।