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पीएम सूर्य घर योजना : कार्यान्वयन में चुनौतियां एवं समाधान

(प्रारंभिक परीक्षा: सरकारी योजनाएं एवं कार्यक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।)

संदर्भ

हाल ही में जारी एक अध्ययन के अनुसार, पी.एम. सूर्य घर योजना की सफल शुरुआत के बावजूद वर्ष 2027 तक 1 करोड़ सौर पैनल इंस्टॉलेशन का लक्ष्य हासिल करना चुनौतीपूर्ण है।

पीएम सूर्य घर योजना (PMSGY) के बारे में

  • प्रारंभ : फरवरी 2024 में
  • उद्देश्य : 1 करोड़ घरों में छत पर सोलर पैनल लगवाना।
  • कुल बजट : 75,021 करोड़ रुपये
  • प्रमुख विशेषताएं :
    • इसके तहत केंद्र सरकार सब्सिडी, लोन और इंस्टॉलेशन सेवाएं देती है।
    • परिवार 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली उत्पन्न कर सकते हैं और अतिरिक्त बिजली बेचकर कमाई भी कर सकते हैं।
    • योजना वर्ष 2027 तक चलेगी और यह नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देकर बिजली बिल कम करने में मदद करेगी।

योजना संबंधी हालिया रिपोर्ट : प्रमुख बिंदु

  • इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (IEEFA) और JMK रिसर्च एंड एनालिटिक्स की संयुक्त रिपोर्ट (अक्टूबर 2025) में PMSGY की प्रगति का विश्लेषण किया गया। 
  • रिपोर्ट बताती है कि मार्च 2024 से जुलाई 2025 तक आवेदनों में चार गुना वृद्धि हुई (57.9 लाख आवेदन), लेकिन लक्ष्य का केवल 13.1% (1 करोड़ इंस्टॉलेशन) हासिल हुआ है। 
  • 4.9 गीगावाट क्षमता जुड़ी, जो मजबूत क्रियान्वयन दिखाती है। 
  • हालांकि, FY2027 का 30 गीगावाट लक्ष्य चुनौतीपूर्ण है। रिपोर्ट राज्य स्तर पर समयबद्ध लक्ष्य बनाने की सिफारिश करती है।

चुनौतियां

  • मंजूरी में देरी: 45-120 दिनों तक मंजूरी में देरी, बिजली मीटर की कमी, डिस्कॉम (DISCOM) के साथ समन्वय न होना और प्रक्रियागत कमियां।
  • सप्लाई चेन समस्याएं: DCR मॉड्यूल महंगे और सीमित उपलब्धता, 2 महीने की देरी से उपभोक्ता सब्सिडी छोड़ देते हैं।
  • जागरूकता की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में ऊंचे लागत और रख-रखाव के भ्रम।
  • राज्यवार असमानता: कुछ राज्यों में नीतिगत असंगतियां, जैसे नेटवर्क चार्ज या सब्सिडी हटाना।
  • शिकायत निवारण: सिस्टम केवल उपलब्ध है, लेकिन प्रभावी नहीं।

सरकारी पहल

  • क्षमता निर्माण : वर्ष 2024 से 3 लाख लोगों को ट्रेनिंग, जिसमें वेंडर, यूटिलिटी और फाइनेंसर शामिल।
  • राष्ट्रव्यापी अभियान: अक्टूबर 2025 में 'अंगिकार 2025' अभियान शुरू, 5,000 से ज्यादा ULBs में जागरूकता, PMAY-U से समन्वय।
  • डिजिटल एकीकरण: जनसमर्थ पोर्टल से ऋण प्रोसेसिंग, राष्ट्रीय पोर्टल से ट्रैकिंग।
  • लोन स्वीकृति: सितंबर 2025 तक 5.79 लाख लोन, 10,907 करोड़ रुपये।
  • DCR प्रोत्साहन: घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए एंटी-डंपिंग उपाय।

ऊर्जा क्षेत्र में भारत के लक्ष्य

  • भारत ने COP26 (2021) में वर्ष 2030 तक 50% ऊर्जा डीकार्बनाइजेशन और 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता का लक्ष्य रखा। 
  • 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य। 
  • 2030 तक 293 गीगावाट सोलर लक्ष्य। 
  • 2030 तक CO2 में 1 अरब टन कमी का लक्ष्य।

आगे की राह

  • राज्य आधारित लक्ष्य: स्पष्ट, समयबद्ध राज्य-स्तरीय लक्ष्य की आवश्यकता है।
  • सप्लाई मजबूत: DCR मॉड्यूल की आपूर्ति में वृद्धि, निर्यात पर प्राथमिकता देना।
  • जागरूकता : ग्रामीण क्षेत्रों में IEC माध्यमों से अभियान चलाये जाए।
  • शिकायत निवारण: जिला-स्तरीय एस्केलेशन मैट्रिक्स बनाएं।
  • निवेश: 2030 तक प्रति वर्ष 160 अरब डॉलर निवेश आवश्यकता।
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