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गैर-सरकारी विधेयक

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, राज्यों की राजधानियों में उच्च न्यायालयों की स्थाई पीठ की स्थापना की माँग करते हुए लोकसभा में ‘गैर-सरकारी’ या ‘निजी सदस्य विधेयक’ (Private Member Bill) पेश किया गया।

निजी विधेयक

  • संसद या विधान-मंडल के ऐसे सदस्य जो मंत्रिमंडल में शामिल नहीं है, निजी सदस्य कहलाते हैं। निजी सदस्य व मंत्रिमंडल के सदस्य दोनों कानून-निर्माण प्रक्रिया में भाग लेते है। 
  • निजी सदस्यों द्वारा पेश किये गए विधेयकों को ‘निजी सदस्य विधेयक’ जबकि मंत्रियों द्वारा पेश किये गए विधेयकों को ‘सरकारी विधेयक’ (Government Bill) कहा जाता है।
  • सरकारी विधेयक को किसी भी दिन पेश किया जा सकता है, जबकि निजी सदस्य विधेयक केवल शुक्रवार को पेश किया जा सकता है। 

अन्य बिंदु

केरल, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, गोवा, उत्तराखंड, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और छत्तीसगढ़ में उच्च न्यायालय राजधानी शहर से बाहर स्थित है।

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