सोनाली घोष को मिला अंतरराष्ट्रीय संरक्षण पुरस्कार: भारत की पहली महिला विजेता बनीं
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं टाइगर रिज़र्व की निदेशक डॉ. सोनाली घोष ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है।
उन्होंने राष्ट्रीय उद्यानों और संरक्षित क्षेत्रों की सततता में नवाचार के लिए केंटन आर. मिलर अवॉर्ड (Kenton R. Miller Award) प्राप्त किया है।
यह सम्मान उन्हें 10 अक्टूबर 2025 को अबू धाबी में आयोजित समारोह में प्रदान किया गया।
इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाने वाली वह भारत की पहली व्यक्ति और पहली महिला हैं।
केंटन आर. मिलर अवॉर्ड: वैश्विक संरक्षण नवाचार का सम्मान
केंटन आर. मिलर अवॉर्ड अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की तकनीकी शाखा वर्ल्ड कमिशन ऑन प्रोटेक्टेड एरियाज (WCPA) द्वारा हर दो वर्ष में एक बार प्रदान किया जाता है।
इसकी स्थापना 2006 में की गई थी।
इस पुरस्कार का उद्देश्य उन व्यक्तियों या टीमों को सम्मानित करना है जिन्होंने संरक्षित क्षेत्रों की योजना, प्रबंधन, वित्त, शासन, निगरानी, क्षमता निर्माण और संवाद के क्षेत्र में उल्लेखनीय नवाचार और योगदान किया हो।
यह पुरस्कार IUCN के पूर्व महानिदेशक केंटन आर. मिलर की स्मृति में दिया जाता है और उन प्रयासों को मान्यता देता है जो वन्यजीव तस्करी, जलवायु परिवर्तन, आक्रामक प्रजातियों और वित्तीय सीमाओं जैसी चुनौतियों से निपटने में प्रभावी रहे हों।
सोनाली घोष के संरक्षण मॉडल की वैश्विक सराहना
IUCN द्वारा जारी बयान में कहा गया कि डॉ. सोनाली घोष को उनके सामुदायिक-आधारित संरक्षण मॉडल के लिए सम्मानित किया गया है।
यह मॉडल स्थानीय समुदायों की भागीदारी, जन-जागरूकता, और पारंपरिक पारिस्थितिकीय ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक पद्धतियों के साथ जोड़ने पर आधारित है।
उनकी यह पहल काजीरंगा और मनोस जैसे जैव विविधता वाले क्षेत्रों में अत्यंत सफल सिद्ध हुई है, जिससे संरक्षण और स्थानीय विकास के बीच संतुलन स्थापित हुआ है।
सह-विजेता और पिछले विजेता देश
इस वर्ष डॉ. घोष के साथ यह पुरस्कार इक्वाडोर के रॉक सिमोन सेविला लारेया को भी दिया गया, जिन्होंने पर्यटन, बीमा और पर्यावरणीय स्थिरता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है।
इससे पहले यह पुरस्कार लेबनान, मैक्सिको और इंडोनेशिया के संरक्षणवादियों को भी उनके नवाचारी प्रयासों के लिए दिया जा चुका है।
अन्य तथ्य :-
डॉ. सोनाली घोष भारत की पहली महिला हैं जिन्हें केंटन आर. मिलर अवॉर्ड प्राप्त हुआ।
यह पुरस्कार IUCN-WCPA द्वारा हर दो वर्ष में प्रदान किया जाता है।
WCPA, IUCN की छह तकनीकी शाखाओं में से एक है, जो संरक्षित क्षेत्रों के प्रबंधन और नीति निर्माण पर कार्य करती है।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, केवल एक सींग वाले गेंडे के लिए ही नहीं, बल्कि कीटों और मकड़ियों जैसी सूक्ष्म जैव विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है।