New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 14th July 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 14th July 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM

अर्थव्यवस्था की स्थिति : RBI रिपोर्ट

(प्रारंभिक परीक्षा: रिपोर्ट एवं सूचकांक)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय)

संदर्भ

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के मार्च बुलेटिन में ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ (State of the Economy) नामक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

वैश्विक सुस्ती की आशंका

  • वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता बढ़ने के साथ वैश्विक स्तर पर वृद्धि में सुस्ती को लेकर आशंकाएँ बढ़ी हैं। 
  • अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से टैरिफ वार के कारण व्यापारिक तनाव में बढ़ोतरी से वैश्विक वृद्धि पर प्रभाव पड़ सकता है और इससे महंगाई बढ़ सकती है।

भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति 

  • वित्त वर्ष 2023-24 की संशोधित वास्तविक जी.डी.पी. विकास दर 9.2% रही है जोकि विगत एक दशक (कोविड-19 के बाद के वर्ष को छोड़कर) में सबसे तेज विकास दर है।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन और उपभोग में सुधार के रूप में अपनी मजबूत क्षमता का प्रदर्शन कर रही है।
  • फरवरी 2025 में खाद्य कीमतों में कमी से कोर मुद्रास्फीति के सात माह के निचले स्तर 3.6% पर आने से भारत की व्यापक आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।

निजी उपभोग एवं व्यय में वृद्धि

भारत में निजी उपभोग व्यय में वृद्धि हो रही है जो मजबूत उपभोक्ता विश्वास एवं निरंतर माँग का संकेत है। हाल के महीनों में सरकारी व्यय में अच्छी वृद्धि हुई है जिससे विकास को अधिक बढ़ावा मिला है।

विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि

  • भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में फरवरी 2025 में क्रय गतिविधि एवं रोजगार में वृद्धि देखी गई है। सेवा क्षेत्र ने नए व्यवसायों एवं रोजगार में मजबूत विस्तार दर्ज किया।
  • खरीफ सीजन 2024-25 में खाद्यान्न एवं तिलहन के उत्पादन अनुमानों में वृद्धि देखी गई है और रबी फसलों के खाद्यान्न में 2.8% की वृद्धि दर्ज की गई है। इसका मुख्य कारण जलाशय का अच्छा स्तर एवं सामान्य से अधिक वर्षा है।

विदेशी निवेश एवं धन प्रेषण

  • विकसित अर्थव्यवस्थाओं में रहने वाले प्रवासी भारतीयों ने देश में पैसे भेजने के मामले में खाड़ी देशों को पीछे छोड़ दिया है।
  • वर्ष 2025 में जनवरी से मार्च माह के मध्य विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय शेयर बाजार से लगभग 16.5 अरब डॉलर से अधिक की निकासी की है।
  • वित्त वर्ष 2024-25 के शुरुआती 10 महीने (अप्रैल 2024 से जनवरी 2025) में भारत में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) घटकर 1.4 अरब डॉलर रह गया है जो एक वर्ष पूर्व 11.5 अरब डॉलर था।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR