| (प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) | 
 
संदर्भ
29 अक्टूबर 2025 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की कि रूस ने पोसाइडन नामक न्यूक्लियर-सक्षम सुपर टॉरपीडो का सफल परीक्षण किया है। 
पृष्ठभूमि
- रूस द्वारा यह परीक्षण 21 अक्टूबर को बुरेवेस्टनिक क्रूज मिसाइल के परीक्षण और 22 अक्टूबर को न्यूक्लियर लॉन्च ड्रिल के बाद आया, जो पश्चिमी दबाव के जवाब में रूस की सैन्य क्षमता दिखाने का प्रयास है। 
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को "पेपर टाइगर" कहा है, जबकि पुतिन ने यूक्रेन युद्ध पर पश्चिमी दबाव के खिलाफ इस परीक्षण से सख्त संदेश दिया है। 
- यह परीक्षण वैश्विक न्यूक्लियर आर्म्स रेस को तेज करने का संकेत है, जहां अमेरिका ने भी न्यूक्लियर टेस्टिंग फिर से शुरू करने का आदेश दिया है।
पोसाइडन (Poseidon) के बारे में
- पोसाइडन (नाटो नाम: कैन्यन) रूस का एक अत्याधुनिक न्यूक्लियर-पावर्ड ऑटोनॉमस अंडरवॉटर व्हीकल (UAV) है, जो टॉरपीडो और ड्रोन का मिश्रित रूप है। 
- इसका नाम प्राचीन ग्रीक समुद्र के देवता ‘पोसाइडन’ से प्रेरित है। 
- यह हथियार तटीय शहरों को तबाह करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो रेडियोएक्टिव सुनामी पैदा कर सकता है। 
- परीक्षण में पहली बार न्यूक्लियर पावर यूनिट को सक्रिय किया गया, जो इसे असीमित रेंज देता है। 
- यह रूस की दूसरी स्ट्राइक क्षमता को मजबूत करता है, जो पनडुब्बी से लॉन्च होता है।
- प्रोजेक्ट 09852 बेलगोरोड पनडुब्बी इसका मुख्य लॉन्च प्लेटफॉर्म है।
मुख्य विशेषताएं
- रेंज: 10,000 किमी. (6,200 मील) असीमित, न्यूक्लियर पावर के कारण।
- स्पीड: 185 किमी/घंटा (100 नॉट्स) सामान्य टॉरपीडो से 5 गुना तेज।
- गहराई: 1,000 मीटर तक; किसी भी डिफेंस सिस्टम से बचाव।
- वारहेड: 2 मेगाटन न्यूक्लियर; रेडियोएक्टिव सुनामी पैदा कर तटीय शहरों को दूषित कर सकता है।
- इंटरसेप्शन: असंभव, क्योंकि यह ड्रोन की तरह बचाव कर सकता है।
- लॉन्च: पनडुब्बी से, स्वायत्त मोड में काम करता है।

न्यूक्लियर आर्म्स रेस का नया युग
- पोसाइडन का परीक्षण अमेरिका, रूस और चीन के बीच नई न्यूक्लियर आर्म्स रेस को इंगित करता है। 
- SIPRI की 2025 रिपोर्ट के अनुसार, सभी न्यूक्लियर शक्तियां अपने आर्सेनल को आधुनिक बना रही हैं। 
- रूस के पास 5,580 वारहेड्स और अमेरिका के पास 5,225 हैं। चीन की आर्सेनल सालाना 100 वारहेड्स बढ़ रही है। 
- न्यू स्टार्ट संधि 2026 में समाप्त होने पर कोई नई संधि नहीं है, जिससे अनियंत्रित वृद्धि संभव है।
 
- डोनाल्ड ट्रंप ने 30 अक्टूबर 2025 को 33 वर्षों बाद न्यूक्लियर टेस्टिंग फिर से शुरू करने का आदेश दिया, जो रूस और चीन को उकसाएगा।