New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Festive Month Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 30th Oct., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Festive Month Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 30th Oct., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

स्वदेशी इमरजेंसी रिट्रीवल सिस्टम (ई.आर.एस.)

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सी.एस.आई.आर.) की चेन्नई स्थित घटक प्रयोगशाला स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर ने ट्रांसमिशन लाइन टॉवरों की विफलता की स्थिति में विद्युत संचरण की त्वरित पुनर्प्राप्ति के लिये एक स्वदेशी तकनीक, इमरजेंसी रिट्रीवल सिस्टम विकसित की है।

क्या है इमरजेंसी रिट्रीवल सिस्टम (ई.आर.एस.)?

  • ई.आर.एस. संरचनात्मक रूप से बेहद स्थिर बॉक्स वर्गों से बना एक हल्का मॉड्यूलर सिस्टम है जिसका इस्तेमाल चक्रवात या भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाओं या मानव जनित व्यवधानों के दौरान ट्रांसमिशन लाइन टॉवरों के गिरने के तुरंत बाद विद्युत आपूर्ति बहाल करने हेतु अस्थाई संरचना के रूप में किया जाता है।
  • इस प्रणाली का पुनरुपयोग किया जा सकता है तथा इस सिस्टम को कठोर संरचनात्मक परीक्षणों से सत्यापित किया जाता है। आपदा स्थल पर ई.आर.एस. को असेंबल करने और स्थापित करने के लिये बुनियादी ज्ञान और उपकरण सम्भव है।

प्रणाली का महत्त्व

  • वर्तमान में भारत ई.आर.एस. सिस्टम आयात करता है। विश्व में इसके निर्माता सीमित ही हैं, जबकि लागत अपेक्षाकृत अधिक है। यह तकनीकी विकास भारत में पहली बार इस प्रकार के विनिर्माण को सक्षम करेगा जिससे आयात का एक वैकल्पिक मार्ग सुनिश्चित होगा। ई.आर.एस. की भारत के साथ-साथ सार्क और अफ्रीकी देशों के बाज़ार में भी बड़ी माँग है। इसलिये, इस तकनीक का विकास आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की दिशा में एक बड़ी पहल है।
  • आपदा स्थल पर 2-3 दिनों में बिजली की अस्थाई बहाली हेतु ई.आर.एस. को तीव्रता से असेंबल किया जा सकता है, जबकि स्थाई बहाली में कई सप्ताह लग जाते हैं। इस प्रणाली का तकनीकी विकास अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि ट्रांसमिशन लाइनों की विफलता लोगों के सामान्य जीवन को गम्भीर रूप से प्रभावित करती है और बिजली कम्पनियों के लिये भारी आर्थिक नुकसान का कारण बनती है।
  • इस प्रणाली में ट्रांसमिशन लाइन सिस्टम के विभिन्न वोल्टेज-क्लास के लिये उपयुक्त कॉन्फ़िगरेशन सम्भव हैं। इसे 33 से 800 के.वी. वर्ग की विद्युत लाइनों के लिये स्केलेबल सिस्टम के रूप में डिज़ाइन किया गया है जो आपदा को झेलने के लिहाज से एक सशक्त समाज के निर्माण में सहायता करेगा।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X