(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, सामान्य विज्ञान) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएँ तथा उनके अधिदेश)
भारतीय वायु सेना (IAF) को अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में अपना पहला हल्का लड़ाकू विमान (LCA) तेजस एमके1ए (Tejas Mk 1A) मिलने जा रहा है। यह केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है बल्कि भारत के स्वदेशी रक्षा उत्पादन और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 17 अक्तूबर को नासिक स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) सुविधा में तेजस एमके1ए की पहली उड़ान का अवलोकन करेंगे।
तेजस एमके1ए की विशेषताएँ
विमान के उन्नत संस्करण एमके-1ए में उन्नत मिशन कंप्यूटर, उच्च प्रदर्शन क्षमता वाला डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC MK-1A), स्मार्ट मल्टी- फंक्शन डिस्प्ले (SMFD), एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार, एडवांस्ड सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट आदि सुविधाएं हैं।
यह फाइटर जेट वैसे तो तेजस एमके-1 की तरह ही है किंतु इसमें कुछ चीजें बदली गई हैं। इसमें अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूईट, उत्तम एईएसए राडार, सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर, राडार वॉर्निंग रिसीवर लगा है। इसके अलावा इसमें बाहर से ECM पॉड भी लगा सकते हैं।
स्वदेशी निर्माण की दिशा में बड़ा कदम
एच.ए.एल. को भारतीय वायुसेना के लिए 83 तेजस एमके1ए जेट्स के निर्माण का अनुबंध दिया गया है। मूलतः यह डिलीवरी फरवरी 2024 से शुरू होनी थी किंतु जनरल इलेक्ट्रिक (GE Aerospace) से इंजन आपूर्ति में विलंब के कारण इसे आगे बढ़ाना पड़ा। वर्तमान में प्रति माह केवल एक से दो इंजन की आपूर्ति हो रही है जिसके चलते एच.ए.एल. अब अगले चार वर्षों में सभी विमानों की डिलीवरी पूरी करने का लक्ष्य रखता है।
साथ ही, अतिरिक्त 97 तेजस एमके1ए विमानों के लिए वार्ता अपने अंतिम चरण में है। रक्षा मंत्रालय और जीई एयरोस्पेस के बीच यह समझौता भारत की दीर्घकालिक वायु शक्ति रणनीति के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।
रक्षा उत्पादन को बढ़ावा
भारत का रक्षा उत्पादन 2023-24 में ₹1.3 लाख करोड़ तक पहुँच गया, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 17% की वृद्धि को दर्शाता है। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब उत्पादन ₹1 लाख करोड़ से ऊपर गया है।
महामारी के पूर्व वित्त वर्ष 2020 में उत्पादन में 2.5% की गिरावट आई थी किंतु वर्ष 2022 से लगातार दोहरे अंकों में वृद्धि हो रही है। दिसंबर 2024 तक के सरकारी आँकड़े बताते हैं कि उत्पादन ₹90,000 करोड़ तक पहुँच चुका है और वित्त वर्ष 2025 के लिए ₹1.6 लाख करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
नए अधिग्रहण और ‘मेक इन इंडिया’ राफेल योजना
वायुसेना के 114 बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान (MRFA) खरीदने के प्रस्ताव पर भी तेजी से काम चल रहा है। रक्षा मंत्रालय वर्तमान में ‘मेड इन इंडिया’ राफेल जेट्स खरीदने की योजना पर विचार कर रहा है।
फ्रांसीसी निर्माता डसॉल्ट एविएशन के अनुसार, वर्तमान में विश्व स्तर पर 533 राफेल विमानों के ऑर्डर हैं जिनमें से 233 उत्पादनाधीन हैं। कंपनी ने उत्पादन गति को बढ़ाकर अब प्रति माह चार विमान कर दिया है।
ए.एम.सी.ए.: भारत की पांचवीं पीढ़ी की छलांग
तेजस एमके1ए के समानांतर, भारत ने अपने पहले स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान अर्थात एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के विकास को भी मंजूरी दी है।
सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए ₹15,000 करोड़ से अधिक की स्वीकृति दी है। ए.एम.सी.ए. के इस दशक के भीतर उड़ान भरने और वर्ष 2035 तक वायुसेना में शामिल होने की उम्मीद है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) एक प्रमुख भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है जो विमान, हेलीकॉप्टर, एयरोस्पेस, और रक्षा उत्पादों के निर्माण में संलग्न है।
यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और भारतीय वायुसेना, भारतीय सेना और भारतीय नौसेना के लिए विभिन्न प्रकार के विमान व उपकरणों का निर्माण करता है।