New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

श्रीलंका में नशे का संकट : एक गंभीर सामाजिक चुनौती

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम, चर्चित स्थल)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2: भारत एवं इसके पड़ोसी संबंध)

संदर्भ

श्रीलंका इस समय एक गंभीर मादक पदार्थ (Drug) संकट से जूझ रहा है, जिसने उसके समाज, प्रशासन और युवा पीढ़ी को गहराई से प्रभावित किया है। 30 अक्टूबर 2025 को राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने देशव्यापी कार्यक्रम “United as a Nation – National Drive” की शुरुआत की।

क्या है श्रीलंका का ड्रग संकट

  • श्रीलंका के नेशनल डेंजरस ड्रग्स कंट्रोल बोर्ड के अनुसार, वर्ष 2024 में 2,28,000 से अधिक लोगों को नशे से संबंधित अपराधों में गिरफ्तार किया गया।
  • वर्ष 2025 में भी लगभग 2 लाख से अधिक गिरफ्तारियाँ दर्ज की गई हैं, जिनमें हेरोइन, कोकीन, मेथ (Ice) और गांजा की तस्करी शामिल है।
  • यह संकट विशेष रूप से युवाओं में बढ़ती लत और सामाजिक असंतुलन का कारण बन रहा है। 
  • तमिल बहुल उत्तरी और पूर्वी जिलों में नशे का प्रसार चिंताजनक स्तर पर पहुँच गया है।

प्रमुख कारक

  • श्रीलंका अपने भौगोलिक स्थान के कारण एशिया के प्रमुख शिपिंग मार्ग पर स्थित है, जिसके चलते यह लंबे समय से नशे की तस्करी का ट्रांजिट हब बन गया है। 
  • पहले यह केवल पारगमन केंद्र था, पर अब देश के भीतर नशे की खपत और तस्करी दोनों तेजी से बढ़े हैं।
  • नशीले पदार्थ मुख्यतः पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आते हैं, जबकि कुछ भारत और यूरोप से भी पहुँचते हैं।

नशा विरोधी देशव्यापी कार्यक्रम

  • इसका उद्देश्य देश से नशे की इस जड़ तक पहुँचना और इसे समाप्त करना है। 

प्रमुख बिंदु

  • पुलिस और सेना की जवाबदेही तय करना: नशे के नेटवर्क से जुड़े पुलिस और सैन्य कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
  • जनजागरूकता अभियान: गाँव-गाँव में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि लोग नशे के खतरों को समझ सकें।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: पाकिस्तान, भारत और यूरोपीय देशों के सहयोग से समुद्री और स्थलीय मार्गों पर निगरानी बढ़ाई जा रही है।
  • पुनर्वास केंद्रों की स्थापना: सभी जिलों में ड्रग पुनर्वास केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि नशे के आदी लोगों को पुनः समाज में शामिल किया जा सके।
  • “क्लीन पुलिस ड्राइव” के तहत भ्रष्ट अधिकारियों की पहचान और निष्कासन की प्रक्रिया आरंभ की गई है।

भारत पर प्रभाव 

  • श्रीलंका में नशे की बढ़ती समस्या का असर भारत के दक्षिणी तटीय क्षेत्रों पर भी पड़ता है।
  • तस्करी के नेटवर्क दोनों देशों के बीच साझा समुद्री सीमा का लाभ उठाते हैं, जिससे भारत की तटीय सुरक्षा और युवा समाज प्रभावित हो सकता है।
  • भारतीय तट रक्षक को अक्सर हेरोइन या मेथामफेटामाइन की खेपें समुद्र में पकड़नी पड़ती हैं, जो श्रीलंका या मलेशिया से जुड़ी होती हैं।

निष्कर्ष

श्रीलंका का नशा संकट केवल उसका आंतरिक मुद्दा नहीं है, बल्कि इसका सुरक्षा, सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भारत पर भी पड़ रहा है। भारत के लिए यह आवश्यक है कि वह श्रीलंका के साथ सामुद्रिक निगरानी, खुफिया सूचना साझा करने और पुनर्वास सहायता में सक्रिय भूमिका निभाए, ताकि दक्षिण एशिया को नशे की इस उभरती चुनौती से मुक्त किया जा सके।

श्रीलंका : देशनामा

  • राजधानी: कोलंबो (आधिकारिक), श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे (विधायी)
  • राष्ट्रपति: अनुरा कुमारा दिसानायके
  • मुद्रा: श्रीलंकाई रुपया (LKR)
  • धर्म: बौद्ध धर्म (मुख्य), हिंदू, ईसाई और इस्लाम
  • जनसंख्या: लगभग 2.2 करोड़
  • भाषा: सिंहला और तमिल
  • मुख्य उद्योग: पर्यटन, चाय उत्पादन, वस्त्र उद्योग, और मत्स्य पालन
  • राजनीतिक प्रणाली: लोकतांत्रिक गणराज्य
  • महत्त्व: हिंद महासागर में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण द्वीपीय देश, जो भारत के दक्षिण में स्थित है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X