(प्रारंभिक परीक्षा: पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन) |
संदर्भ
झीलों की पारिस्थितिकी को पुनर्स्थापित करने के प्रयासों में ‘ड्रेजिंग’ (Dredging) एक आम तकनीक के रूप में उभर रही है। हालाँकि, लेक मंजला पर किए गए एक हालिया अध्ययन के अनुसार, यह प्रक्रिया झील के सूक्ष्म पारिस्थितिकी तंत्र (Micro-ecology) में अप्रत्याशित एवं कभी-कभी अपरिवर्तनीय परिवर्तन ला सकती है।
ड्रेजिंग (Dredging) के बारे में
- क्या है : किसी जलाशय, झील, नदी, बंदरगाह या समुद्री तट की तली से गाद, रेत, तलछट, मलबा और अन्य पदार्थों को मशीनों की सहायता से हटाने की तकनीकी प्रक्रिया।
- उद्देश्य : प्राय: जल निकाय की गहराई को बढ़ाना, जल प्रवाह में सुधार लाना, नौवहन को सुगम बनाना या प्रदूषित तलछट को साफ करना
- प्रमुख तकनीकें :
- मैकेनिकल ड्रेजिंग : क्रेन या ड्रैगलाइन जैसी मशीनों से तलछट को निकालना
- हाइड्रॉलिक ड्रेजिंग : उच्च दाबयुक्त पानी से तलछट को घोलकर पाइपलाइन के माध्यम से बाहर निकालना
- लाभ :
- जलमार्गों को गहरा करना : जहाजों, नौकाओं एवं अन्य जलवाहनों के आवागमन में सरलता
- बाढ़ नियंत्रण : जलधाराओं की बहाव क्षमता को बढ़ाकर बाढ़ के खतरे को कम करना
- प्रदूषण नियंत्रण : झील या नदी की तली में जमा प्रदूषित तलछट (Pollutant-rich Sediments) को हटाना
- झील/नदी की क्षमता बढ़ाना : जल संचय एवं प्रवाह में सुधार के लिए
- भूमि पुनः प्राप्ति : समुद्र या नदी से तलछट निकालकर उपयोगी भूमि तैयार करना
लेक मंजला पर किए गए हालिया अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष
- काहिरा स्थित राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान एवं मत्स्य पालन संस्थान के शोधकर्ताओं ने 2015-2022 के दौरान सात वर्षों तक मिस्र की तटीय झील मंज़ाला का अध्ययन किया।
- शोधकर्ताओं का दावा है कि ड्रेजिंग के बाद झील की भंडारण क्षमता वर्ष 2022 में 903.64 मिलियन क्यूबिक मीटर (एम.सी.एम.) हो गई जो वर्ष 2016 में 378.67 एम.सी.एम. थी।
- हालांकि, ड्रेजिंग के बाद झील के पानी की गुणवत्ता एवं पारिस्थितिकी तंत्र में काफी बदलाव आया है। ड्रेजिंग के कारण वर्ष 2015 की तुलना में 2022 में झील में लवणता में काफी वृद्धि हुई है और पोषक तत्व कम हो गए हैं।
- अध्ययन के अनुसार ड्रेजिंग के बाद झील की अधिकतम लवणता वर्ष 2015 से 2022 तक 73% तक बढ़ गई।
- परिणामस्वरूप, झील के उत्तरी एवं मध्य क्षेत्रों में रासायनिक मापदंडों व ज़ूप्लैंकटन में बदलाव आया है। ज़ूप्लैंकटन की संख्या में कुल मिलाकर कमी आई है किंतु खारे पानी वाली प्रजातियों की आबादी वर्ष 2022 में बढ़ गई है।
- इसके अतिरिक्त, जल के रासायनिक गुणों में परिवर्तन के कारण ज़ूप्लैंकटन की खारी प्रजातियों की वृद्धि एवं मीठे पानी की प्रजातियों में कमी आई है।
- रिपोर्ट के अनुसार जैव-रासायनिक ऑक्सीजन मांग (BOD) एवं रासायनिक ऑक्सीजन मांग (COD) में समग्र कमी आई है।
लेक मंजला के बारे में
- अवस्थिति : लेक मंज़ाला (Lake Manzala) मिस्र की सबसे बड़ी तटीय लैगून (Coastal Lagoon) है जो भूमध्य सागर के किनारे, नील डेल्टा के पूर्वोत्तर भाग में स्थित है।
- इसे मंज़लेह भी कहा जाता है।
- मंज़ाला झील स्वेज़ नहर द्वारा काटे गए तीन प्राकृतिक झीलों में से सबसे उत्तरी झील है। अन्य दो झीलें ‘टिमसाह झील’ एवं ‘ग्रेट बिटर झील’ हैं।
- पर्यावरणीय महत्व : यह झील विभिन्न प्रकार की मछलियों, जलचर प्रजातियों, पक्षियों एवं वनस्पतियों की प्राकृतिक आवास है।
- यह झील भूमध्य सागर के खारे पानी और मीठे पानी के धाराओं के संगम से बनी है जिससे एक अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र (Unique Ecosystem) का निर्माण होता है।
- आर्थिक महत्व : यह झील मिस्र की अर्थव्यवस्था, विशेषकर मत्स्य पालन, स्थानीय व्यापार, कृषि एवं रोज़गार के संदर्भ में महत्वपूर्ण योगदान देती है। वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार यह झील मिस्र के कुल प्राकृतिक मछली उत्पादन में 16% का योगदान करती है।
- यह झील आस-पास की कृषि भूमि के लिए नमी एवं जल पुनर्भरण (Water Recharge) का स्रोत है।
- बाढ़ नियंत्रण : यह झील समुद्र एवं कृषि भूमि के बीच एक प्राकृतिक बफ़र जोन का कार्य करती है जिससे भारी वर्षा या समुद्री ज्वार के दौरान बाढ़ से रक्षा होती है।
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