| (प्रारंभिक परीक्षा: पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी; समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन) |
ब्राजील के बेलेम में आयोजित लीडर्स समिट (COP 30) से पहले भारत ने ‘ट्रॉपिकल फॉरेस्ट फॉरएवर फैसिलिटी’ (Tropical Forest Forever Facility: TFFF) में एक ‘पर्यवेक्षक देश’ (Observer) के रूप में शामिल होने की घोषणा की है।
क्या है : TFFF एक नई वैश्विक वित्तीय व्यवस्था है जिसका उद्देश्य उन देशों को आर्थिक प्रोत्साहन देना है जो अपने उष्णकटिबंधीय वनों (Tropical Forests) की रक्षा करते हैं।
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देश |
योगदान राशि |
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ब्राजील |
1 अरब अमेरिकी डॉलर |
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इंडोनेशिया |
1 अरब अमेरिकी डॉलर |
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कोलंबिया |
25 करोड़ अमेरिकी डॉलर |
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नॉर्वे |
3 अरब अमेरिकी डॉलर |
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नीदरलैंड |
5 मिलियन अमेरिकी डॉलर |
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पुर्तगाल |
1 मिलियन यूरो |
फ्रांस, चीन व संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भी इस पहल का समर्थन किया है। हालाँकि, उन्होंने अभी तक वित्तीय योगदान की घोषणा नहीं की है।
ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने इस अवसर पर विश्व नेताओं से अपील की कि:
उन्होंने ‘बेलेम प्रतिबद्धता (Belém Commitment)’ नामक नई पहल भी शुरू की है जिसके तहत 2035 तक सतत ईंधनों के उपयोग को चार गुना करने का लक्ष्य रखा गया है।
भारत के ब्राजील स्थित राजदूत दिनेश भाटिया ने भारत की ओर से वक्तव्य देते हुए कहा कि TFFF ‘सामूहिक वैश्विक कार्रवाई का एक महत्वपूर्ण कदम’ है जो उष्णकटिबंधीय वनों के संरक्षण और जलवायु वित्त के लोकतंत्रीकरण को प्रोत्साहित करेगा।
ट्रॉपिकल फॉरेस्ट फॉरएवर फैसिलिटी (TFFF), जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में ‘वित्तीय प्रोत्साहन आधारित संरक्षण मॉडल’ का उत्कृष्ट उदाहरण है। भारत का इस पहल में शामिल होना इस बात का संकेत है कि देश न केवल अपने जलवायु लक्ष्यों के प्रति गंभीर है बल्कि वैश्विक पर्यावरणीय नेतृत्व निभाने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
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