New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th June 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th June 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM

ज्योतिराव फुले एवं उनका योगदान

11 अप्रैल, 2025 को देशभर में महात्मा ज्योतिबा फुले की 198वीं जयंती मनाई गई।

ज्योतिराव फुले के बारे में

  • परिचय : वे एक अग्रणी समाज सुधारक थे। उन्होंने अस्पृश्यता और जाति व्यवस्था जैसी सामाजिक बुराइयों का घोर विरोध किया। उनका जीवन भारतीय समाज में सामाजिक समानता और शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए जाना जाता है।
  • जीवन काल : 11 अप्रैल 1827 - 28 नवम्बर 1890
  • मात का नाम : चंद्रभागा फुले
  • पिता का नाम : गोविंदराव फुले
  • पत्नी का नाम : सावित्रीबाई फुले (वर्ष 1840 में विवाह)
  • उपाधि : 11 मई, 1888 को महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता विठ्ठलराव कृष्णजी वंदेकर ने उन्हें 'महात्मा' की उपाधि दी।
  • सामाजिक योगदान
    • उन्होंने अपनी पत्नी सावित्रीबाई के साथ मिलकर विधवा पुनर्विवाह, बाल विवाह की रोकथाम और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने सहित कई सामाजिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    • उन्होंने जातिवाद, महिला उत्पीड़न, और असमानता के खिलाफ आवाज उठाई। 
    • उन्होंने सावित्रीबाई की मदद से, वर्ष 1848 में पुणे में तात्यासाहेब भिड़े के घर पर पहला बालिका स्कूल शुरू किया।
  • सत्य शोधक समाज : वर्ष 1873 में, ज्योतिबा फुले ने सत्यशोधक समाज (सत्य के साधकों का समाज) की स्थापना की।
    • इसका उद्देश्य समाज में फैली कुरीतियों, अंधविश्वास और जातिवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाना था।
  • प्रमुख पुस्तकें
    • गुलामगिरी
    • तृतीय रत्न
    • किसान का धर्म
    • सत्यशोधक समाज की स्थापना पर लेख
    • शूद्रों के लिए संदेश
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR