(प्रारंभिक परीक्षा: सरकारी योजनाएं एवं कार्यक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय)
प्रस्तावना
एक दशक पूर्व भारत की बड़ी आबादी, विशेषकर ग्रामीण व हाशिए पर स्थित समुदाय औपचारिक बैंकिंग सेवाओं से वंचित थी। लोग नकद बचत या साहूकारों पर निर्भर रहते थे, जिससे वे कर्ज़ एवं शोषण के चक्र में फँसे रहते थे।
28 अगस्त, 2014 को शुरू हुई प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) ने इस स्थिति में काफी परिवर्तन किया है।
राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन मिशन के रूप में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य ‘बैंकिंग सेवाओं से वंचितों को बैंक खाता, वित्तीय पहचान तथा बीमा, पेंशन एवं ऋण जैसी सेवाओं तक पहुँच दिलाना’ था।
अगस्त 2025 तक कुल 56.16 करोड़ बैंक खाते खोले जा चुके हैं, जिनमें ₹2.67 लाख करोड़ की जमा राशि है।
56% खाते महिलाओं के नाम पर हैं जिससे वित्तीय पहुँच में लैंगिक समानता को बढ़ावा मिला है।
योजना के मूल स्तंभ
बैंकिंग द अनबैंक्ड (Banking the Unbanked)
बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट (BSBDA) की सुविधा
न्यूनतम दस्तावेज़ीकरण व शून्य शेष (Zero Balance) खाते
कैंप मोड में खाता खोलने की व्यवस्था
सिक्योरिंग द अनसिक्योर्ड (Securing the Unsecured)
स्वदेशी RuPay डेबिट कार्ड जारी
₹2 लाख तक का निःशुल्क दुर्घटना बीमा कवर
फंडिंग द अनफंडेड (Funding the Unfunded)
माइक्रो-इंश्योरेंस, माइक्रो-पेंशन व ओवरड्राफ्ट सुविधा
सूक्ष्म ऋण उपलब्धता
प्रमुख लाभ
बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट (BSBDA) :न्यूनतम बैलेंस की सीमा नहीं और सीमित लेनदेन सुविधा
स्माल एकाउंट (खाता) :वैध पहचान पत्र न होने पर भी खोला जा सकता है और प्रारंभ में 12 माह के लिए मान्य होता है।
RuPay डेबिट कार्ड :₹2 लाख का दुर्घटना बीमा कवर
ओवरड्राफ्ट सुविधा : ₹10,000 तक उपलब्ध
बिजनेस करेस्पॉन्डेंट्स (BCs)/बैंक मित्र :ग्रामीण क्षेत्रों तक बैंकिंग सेवाओं की अंतिम छोर तक पहुँच
सरकारी योजनाओं से जुड़ाव :DBT, PMJJBY, PMSBY, APY और मुद्रा योजना से सीधा लाभ
प्रमुख उपलब्धियाँ
वित्तीय समावेशन का विस्तार
वर्ष 2015 में 14.72 करोड़ खाते से बढ़कर 2025 में 56.16 करोड़ खाते
67% खाते ग्रामीण/अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, 33% खाते शहरी क्षेत्रों में
327 सरकारी योजनाओं के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) में मदद से बिचौलियों की भूमिका समाप्त
महिलाओं की भागीदारी
56% खाते महिलाओं के नाम होने से सामाजिक सुरक्षा और सूक्ष्म ऋण योजनाओं तक उनकी पहुँच आसान हुई।
जमा राशि में वृद्धि
मार्च 2015 में ₹15,670 करोड़ से बढ़कर अगस्त 2025 में ₹2.67 लाख करोड़ जमा राशि
डिजिटल लेनदेन और रुपे कार्ड
38.68 करोड़ RuPay कार्ड जारी
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलने से भारत रीयल-टाइम पेमेंट्स में अग्रणी बना।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) से 11 वर्षों में भारत की वित्तीय व्यवस्था में ऐतिहासिक परिवर्तन हुआ है। इसने करोड़ों लोगों, विशेषकर गरीबों व महिलाओं, को औपचारिक बैंकिंग तंत्र से जोड़ा और आर्थिक समानता की ओर बड़ा मार्ग प्रशस्त हुआ।
56 करोड़ से अधिक खातों, ₹2.67 लाख करोड़ जमा राशि और करोड़ों RuPay कार्ड के साथ PMJDY न केवल वित्तीय समावेशन का प्रतीक है बल्कि डिजिटल भारत और आत्मनिर्भर भारत की नींव भी है।
आने वाले वर्षों में यह योजना सार्वभौमिक वित्तीय पहुँच सुनिश्चित कर देश की आर्थिक प्रगति में अहम भूमिका निभाएगी।