चर्चा में क्यों?
"महिला! जीवन! स्वतंत्रता!" किताब चौरा मकरमी द्वारा लिखित है।

किताब के बारे में:
- यह किताब चौरा मकरमी द्वारा लिखी गयी है।
- “महिला! जीवन! स्वतंत्रता!”-यह केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक चीख है; उन महिलाओं की जो अपने अस्तित्व, सम्मान और स्वतंत्रता के लिए लड़ रही हैं।
- यह पुस्तक महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में हुए 2022 के व्यापक विरोध प्रदर्शनों की नब्ज़ को पकड़ती है।
- उसे दुनिया के सामने एक मजबूत सामाजिक-राजनीतिक साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करती है।
मुख्य विषय और उद्देश्य
- 2022 के विद्रोह का दस्तावेजीकरण
- पुस्तक में "विद्रोह की लंबी शरद ऋतु" का वर्णन है, जो नैतिकता पुलिस की हिरासत में महसा अमिनी की मौत के बाद शुरू हुआ।
- यह आंदोलन धीरे-धीरे पूरे ईरान में फैल गया।
- ऐतिहासिक स्मृति और व्यक्तिगत विवरणों का संगम
- लेखिका पारिवारिक अभिलेखों को राजनीतिक घटनाओं से जोड़ती हैं।
- उनका दृष्टिकोण एक ऐतिहासिक आत्म-साक्षात्कार जैसा है।
- मानवशास्त्रीय दृष्टिकोण
- लेखिका मकारेमी एक मानवविज्ञानी हैं, जो प्रति-अभिलेखागार और सामूहिक भावनाओं को आंदोलन के अध्ययन में शामिल करती हैं।
- नारीवादी लामबंदी का चित्रण
- युवतियों के साहस, प्रतिरोध और संगठन को केंद्रीय विषय बनाया गया है।
- "महिला! जीवन! स्वतंत्रता!" अब सिर्फ ईरानी नारों तक सीमित नहीं रहा, यह वैश्विक प्रतिरोध का प्रतीक बन चुका है।
पृष्ठभूमि और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
2022 विरोध प्रदर्शन की शुरुआत:
- 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत ने ईरान के युवाओं, विशेषकर महिलाओं को सड़कों पर उतार दिया।
- वे केवल हिजाब नहीं, बल्कि राज्य दमन, लिंग भेद और राजनीतिक सेंसरशिप के खिलाफ खड़ी हुईं।
- वैश्विक एकजुटता की लहर:
- “महिला! जीवन! स्वतंत्रता!” का नारा न्यूयॉर्क से लेकर बर्लिन, दिल्ली से लेकर सिडनी तक गूंजा।
- यह अब वैश्विक नारीवादी संघर्ष की पहचान बन चुका है।
प्रश्न. महिला! जीवन! स्वतंत्रता!” आंदोलन पर आधारित पुस्तक की लेखिका कौन हैं?
(a) सिमोन द बौवुआ
(b) नर्गेस मोहम्मदी
(c) नासरीन सुतौदेह
(d) चौरा मकारेमी
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