New
The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video

5G तकनीक और भारत की कूटनीतिक बाधाएँ

(प्रारंभिक परीक्षा : अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, सामान्य विज्ञान)
(मुख्य परीक्षा प्रश्नपत्र – 2 : अंतर्राष्ट्रीय सम्बंध)

संदर्भ

5G मोबाइल नेटवर्क की पाँचवी पीढ़ी (Fifth Generation) है जिसमें 4G की तुलना में कई गुना अधिक स्पीड प्राप्त होगी। इस नेटवर्क से कुछ ही सेकंडों में एच.डी. तथा उच्च स्तरीय डाटा डाउनलोड किया जा सकता है। गुरुग्राम (भारत) में वर्ष 2018 में चीनी कम्पनी हुआवेई द्वारा 5G का परीक्षण किया गया था, इस परीक्षण के दौरान कई क्षेत्रों में कार्य करने की ज़रूरत महसूस की गई जैसे- 5G के लिये अधिक बेंडविड्थ की आवश्यकता, भारत में 4G की स्पीड निर्धारित मानकों से कम तथा अन्य प्रौद्योगिकी आधारभूत संरचना का अभाव आदि।

fifth-generation

5G तकनीक का महत्त्व

  • 5G तकनीक भारत के ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है जिससे नागरिक केंद्रित सेवाओं की उपलब्धता सुगम हो जाएगी।
  • भारत में अभी भी साइबर, डाटा और सर्वर की सुरक्षा हेतु मज़बूत कानूनी और संस्थागत प्रक्रिया का अभाव है, जिसके लिये तकनीकी अवसंरचनात्मक विकास की आवश्यकता है।
  • वर्तमान में भारत की कई टेलिकॉम कम्पनियाँ वैश्विक स्तरीय सुविधाएँ प्रदान कर रही हैं लेकिन 5G तकनीक को लेकर भारत का निर्णय इन कम्पनियों का भविष्य निर्धारित करेगा।

भारत की कूटनीतिक बाधाएँ

  • 5G नेटवर्क वायरलेस तकनीक में एक नवाचार है। 5G क्षेत्र में चीन की टेलिकॉम कम्पनी हुआवेई का 5G बाज़ार में आधिपत्य है। वर्तमान में यह 5G की सबसे बड़ी उत्पादक और आपूर्तिकर्ता कम्पनी है। लेकिन कम्पनी के सम्बंध में भारत की निम्नलिखित चिंताएँ हैं -
    • चीन की सरकार के साथ कम्पनी के अस्पष्ट मालिकाना सम्बंध।
    • कम्पनी के उपकरणों द्वारा जासूसी और निगरानी करना।
    • अन्य कानून उल्लंघन सम्बंधी मामले।
  • चीन का पक्ष है कि अगर चीनी कम्पनियों पर पाबंदी लगाई जाती है तो वह जवाबी कार्यवाही के रूप में आर्थिक प्रतिबंध का रास्ता अपना सकता है। इसलिये भारत को 5G तकनीक और इससे सम्बंधित उपकरण हासिल करने हेतु अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देनी चाहिये।
  • चीन तथा अमेरिका के मध्य बढ़ता व्यापार और प्रौद्योगिकी युद्ध भारत के लिये भी एक सामरिक चिंता का विषय है।
  •  मामल्लपुरम वार्ता से चीन तथा भारत के सम्बंधों में एक सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिला था लेकिन चीन द्वारा कोविड-19 वायरस को छिपाए जाने से भारत सहित पूरे विश्व का चीन के प्रति अविश्वास उत्पन्न हुआ है।
  • गलवान घाटी संघर्ष के कारण भी दोनों देशों के सम्बंध तनावपूर्ण हुए हैं।

आगे की राह

  • वर्तमान में भारत 90% से भी अधिक टेलिकॉम उपकरणों का आयात करता है जो कि भारत की आर्थिक तथा राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील है। अतः भारत को टेलिकॉम उपकरणों के विनिर्माण में आत्मनिर्भरता तथा आयात प्रतिस्थापन की नीति पर तीव्रता से कार्य करना चाहिये।
  • ध्यातव्य है कि वर्ष 2013 के एडवर्ड स्नोडेन मामले (इंटरनेट तथा इंटरनेट उपकरणों के ज़रिये व्यापक निगरानी कार्यक्रम) में कई देशों की संस्थाओं तथा नागरिकों की व्यक्तिगत तथा पेशेवर जानकारी को हासिल किया गया था।
  • अगर भारत 5G तकनीक की आपूर्ति हेतु चीनी कम्पनी को प्रवेश देता है तो भारत-अमेरिका द्विपक्षीय सम्बंधों पर नकारात्मक असर पड़ेगा दूसरी तरफ भारत चीनी कम्पनी को प्रतिबंधित करता है तो आधुनिक तकनीक तथा विकास प्रक्रिया में पिछड़ने के साथ ही पड़ोसी सम्बंध और तनावपूर्ण हो सकते हैं।

निष्कर्ष

भारत को अपने राष्ट्रीय तथा सामरिक हितों के अनुसार ही अपना पक्ष निर्धारित करना होगा क्योंकि एक विकासशील देश होने के कारण हमारे पास 5G जैसी आधुनिक और महंगी तकनीक अपनाने हेतु सीमित संसाधन हैं।

प्री फैक्ट्स :

वैश्विक दूसंचार उद्योग संघ (जी.एस.एम.ए.) के अनुसार भारत में वर्ष 2025 तक लगभग 7 करोड़ 5G कनेक्शन होंगे।

जी.एस.एम.ए.-

यह एक उद्योग संगठन है जो मोबाइल नेटवर्क संचालकों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है। वर्तमान में 750 से अधिक मोबाइल ऑपरेटर जी.एस.एम.ए. के सदस्य हैं। इसका मुख्यालय लंदन (ब्रिटेन) में स्थित है।

सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी.ओ.ए.आई.) -

यह भारत में मोबाइल सेवा प्रदाताओं, दूरसंचार उपकरणों, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं तथा अन्य प्रौद्योगिकी कम्पनियों का एक उद्योग संघ है। इसका गठन वर्ष 1995 में एक गैर-सरकारी सोसाइटी के रूप में किया गया था।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR