New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

भारत-ताइवान सम्बंध और चीन की आपत्ति

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : विषय- भारत एवं इसके पड़ोसी सम्बंध, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार)

चर्चा में क्यों

हाल ही में, चीन ने भारत और ताइवान के मध्य किसी भी प्रकार के आधिकारिक आदान-प्रदान पर अपनी आपत्ति जताई है। पूर्व में भी भारत-ताइवान सम्बंधों पर चीन प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से आपत्ति जता चुका है।

प्रमुख बिंदु

  • चीन की यह प्रतिक्रिया उन रिपोर्टों के जवाब में आई है, जिसमें भारत और ताइवान द्वारा व्यापार समझौते पर बातचीत के साथ सम्बंधों को आगे बढ़ाने की बात की गई थी।
    • चीन का मानना ​​है कि ‘वन चाइना प्रिंसिपल’ पर भारत सहित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सर्वसम्मति है, अतः भारत सहित विश्व के अन्य देशों को इसका सम्मान करना चाहिये।
    • चीन ने भारत में हालिया अभियानों (पोस्टर और सोशल मीडिया) द्वारा ताइवान के "हैप्पी नेशनल डे" (10 अक्टूबर) पर ताइवान को बधाई देने और ताइवान के लिये देश या राष्ट्र जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर भी आपत्ति जताई थी।
    • चीन ने आगामी मालाबार नौसेना अभ्यास में भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ ही ऑस्ट्रेलिया को शामिल किये जाने का भी विरोध किया है।

भारत-ताइवान सम्बंध

  • भारत और ताइवान के बीच औपचारिक राजनयिक सम्बंध नहीं हैं। नगण्य राजनीतिक सम्बंधों के कारण भारत और ताइवान के बीच सहयोग के क्षेत्र सीमित ही हैं।
  • वर्ष 1995 से वर्ष 2014 के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह 934 मिलियन डॉलर से बढ़कर 5.91 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया है।
  • प्रौद्योगिकी : वर्तमान में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच 30 से अधिक सरकारी वित्तपोषित संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएँ संचालित हो रही हैं।
    • अगस्त 2015 में, ताइवान स्थित फॉक्सकॉन, जो दुनिया के सबसे बड़े हार्डवेयर निर्माताओं में से एक है, ने भारत में $ 5 बिलियन के निवेश की घोषणा की थी।
    • भारत और ताइवान ने वर्ष 2018 में द्विपक्षीय निवेश समझौते (Bilateral Investment Agreement) पर हस्ताक्षर किये थे। विगत वर्षों में भारत-ताइवान व्यापार सम्बंधों का विस्तार हुआ है और ताइवान की कई कम्पनियाँ भारत में प्रमुख निवेशक भी हैं।
    • ताइवान विश्व में लम्बे समय से हाई-टेक हार्डवेयर निर्माण में अग्रणी है और भारत के ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, और स्मार्ट सिटी से जुड़े अभियानों में बहुत योगदान दे सकता है।
    • ताइवान की कृषि-प्रौद्योगिकी और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी प्रौद्योगिकी भारत के कृषि क्षेत्र के लिये भी बहुत फायदेमंद हो सकती है।
  • दोनों पक्षों ने वर्ष 2010 में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक पारस्परिक डिग्री मान्यता समझौते के बाद शैक्षिक आदान-प्रदान का भी विस्तार किया है।

चुनौतियाँ:

  • वन चाइना पॉलिसी : भारत द्वारा ताइवान के साथ अपने द्विपक्षीय सम्बंधों को पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाना फिलहाल मुश्किल है। वर्तमान में, दुनिया भर में लगभग 16 देशों ने ताइवान को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दी हुई है, भारत इन 16 देशों में शामिल नहीं है ।
  • व्यापार और निवेश : दोनों देशों के बीच आर्थिक विनिमय अभी भी अपेक्षाकृत महत्त्वहीन ही है। भारत के साथ व्यापार में ताइवान का हिस्सा, ताइवान के वैश्विक व्यापार का मात्र 1% ही है।

आगे की राह

  • ताइवान ने चीन से जुड़े भौगोलिक-आर्थिक-राजनीतिक-सामयिक कारकों के अध्ययन पर भारी निवेश किया है, भारत को इस जानकारी का लाभ कूटनीतिक रूप में उठाना चाहिये।
  • संसाधन सम्पन्न भारत को ताइवान की तकनीक से लाभ मिल सकता है। उदाहरण के लिये, भारत में प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक बांस संसाधन उपलब्ध हैं, जबकि ताइवान विश्व स्तरीय बांस चारकोल तकनीक (Bamboo Charcoal Technology) में अग्रणी है। इस तरह की तकनीक के साथ भारत अपने बांस संसाधनों का उपयोग उच्च मूल्यवर्धित वस्तुओं का उत्पादन करने के लिये कर सकता है।
  • हाल ही में, ताइवान में नए दूत के रूप में सेवा करने के लिये एक वरिष्ठ राजनयिक की नियुक्ति के साथ भारत ने ताइवान के साथ राजनयिक सम्बंधों को आगे बढ़ाने के लिये अपनी वन-चाइना पॉलिसी (हालाँकि आधिकारिक तौर पर नहीं) में बदलाव का स्पष्ट संकेत दे दिया है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X