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CURRENT AFFAIRS

लाइकोडॉन इरविनी

Environment & Ecology 19-Nov-2025

शोधकर्ताओं ने हाल ही में ग्रेट निकोबार द्वीप पर लाइकोडॉन इरविनी (Lycodon irwini) नामक ग्लॉसी ब्लैक वुल्फ स्नेक (Glossy-Black Wolf Snake) की खोज की पुष्टि की है।

एकीकृत जलवायु परिवर्तन एवं व्यापार मंच

Environment & Ecology 19-Nov-2025

हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क अभिसमय के पक्षकारों के 30वें सम्मेलन (COP 30) ने औपचारिक रूप से एकीकृत जलवायु परिवर्तन एवं व्यापार मंच (IFCCT) का शुभारंभ किया।

COP30: बेलेम स्वास्थ्य कार्य योजना और जलवायु-स्वास्थ्य सहयोग

Environment & Ecology 15-Nov-2025

ब्राज़ील के बेलेम शहर में आयोजित COP30 सम्मेलन में दुनिया भर की 35 से अधिक प्रमुख वैश्विक परोपकारी संस्थाओं ने ‘जलवायु संबंधी स्वास्थ्य’ (climate-linked health) चुनौतियों से निपटने के लिए 300 मिलियन डॉलर की प्रारंभिक प्रतिबद्धता की। इसी अवसर पर बेलेम हेल्थ एक्शन प्लान (BHAP) भी लॉन्च किया गया, जो आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य-केन्द्रित जलवायु नीतियों की नींव बनेगा।

मैंग्रोव संरक्षण (Mangrove Conservation)

Environment & Ecology 15-Nov-2025

मैंग्रोव ऐसे अनूठे वेलांचली (littoral) पादप समुदाय हैं जो विश्व के उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय समुद्री तटों में पाए जाते हैं। इन्हें तटवर्ती वन, ज्वारीय वन या मैंग्रोव वन भी कहा जाता है। ये लवण-सहिष्णु पौधे उच्च तापमान (26–35°C), उच्च वर्षा (1,000–3,000 मिमी) तथा अंतर-ज्वारीय क्षेत्रों में पनपते हैं।

भारत में आर्द्रभूमि संरक्षण

Environment & Ecology 15-Nov-2025

आर्द्रभूमियाँ ऐसे भू-भाग हैं जो मौसमी या स्थायी रूप से जल से संतृप्त रहती हैं। इनमें कच्छ,पंकभूमि, पीटभूमि, दलदल, झीलें, नदी तटीय क्षेत्र, खारे/मीठे जल क्षेत्र तथा 6 मीटर से कम गहराई वाले तटीय समुद्री क्षेत्र शामिल होते हैं। हालाँकि ये पृथ्वी के केवल 6% क्षेत्र को कवर करती हैं, लेकिन वैश्विक 40% जैव विविधता को आश्रय प्रदान करती हैं। इन्हें प्राकृतिक "इकोलॉजिकल किडनी" कहा जाता है।

रामसर अभिसमय (Ramsar Convention)

Environment & Ecology 14-Nov-2025

हाल ही में भारत में कई नई आर्द्रभूमियों को ‘रामसर स्थल’ का दर्जा दिया गया है। इनको जोड़ने के बाद भारत में कुल 94  रामसर स्थल हो गए हैं। 

मानव–वन्यजीव संघर्ष क्या है ? भारत में स्थिति, कारण, प्रभाव एवं अन्य

Environment & Ecology 14-Nov-2025

मानव–वन्यजीव संघर्ष (HWC) आज विश्वभर में जैव विविधता संरक्षण के साथ-साथ मानव सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए एक प्रमुख चुनौती के रूप में उभर रहा है। भारत जैसे जैव विविध देश में, जहां जंगलों से सटे क्षेत्रों में करोड़ों लोग रहते हैं, HWC की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

प्रवाल विरंजन (Coral Bleaching )क्या है ?वितरण ,महत्व ,प्रमुख खतरे, संरक्षण के प्रयास एवं अन्य। 

Environment & Ecology 13-Nov-2025

प्रवाल (Corals) समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के अत्यंत महत्त्वपूर्ण अकशेरुकी जीव हैं, जो कैल्शियम कार्बोनेट स्रावित करने वाले पॉलिप्स की कॉलोनियों द्वारा प्रवाल भित्तियों (Coral Reefs) का निर्माण करते हैं। ये अपने पोषण के लिए सहजीवी शैवाल ज़ूज़ैन्थेली (Zooxanthellae) पर निर्भर होते हैं।

कृषि और जैव विविधता संरक्षण (Agriculture and Biodiversity Conservation)

Environment & Ecology 12-Nov-2025

कृषि और जैव विविधता का रिश्ता गहराई से जुड़ा हुआ है — कृषि जैव विविधता पर निर्भर भी है और उसकी संरक्षक भी। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में, जहां लगभग 55% जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है, वहां जैव विविधता का संरक्षण खाद्य सुरक्षा, पोषण, आजीविका और पारिस्थितिक संतुलन के लिए अत्यंत आवश्यक है।

भारत की जैव-अर्थव्यवस्था (Bioeconomy) — नवाचार, संवृद्धि और सतत विकास की दिशा में कदम

Environment & Ecology 12-Nov-2025

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने हाल ही में जैव-प्रौद्योगिकी अनुसंधान एवं नवाचार परिषद (BRIC) के द्वितीय स्थापना दिवस पर घोषणा की कि भारत की जैव-अर्थव्यवस्था (Bioeconomy) आने वाले वर्षों में 300 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच जाएगी।

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