(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।) |
संदर्भ
हाल ही में अल्बानिया ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए विश्व की पहली आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) मंत्री को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है। इस डिजिटल मंत्री का नाम दीएला (Diella) है। यह कदम न केवल अल्बानिया बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए प्रशासनिक प्रयोग और नवाचार का प्रतीक माना जा रहा है।

दीएला (Diella): पहली एआई-निर्मित मंत्री
- दीएला किसी मनुष्य की तरह भौतिक रूप से उपस्थित नहीं है, बल्कि यह कोड और पिक्सल से बनी एक आभासी मंत्री है।
- अल्बानिया के प्रधानमंत्री एदी रामा ने 11 सितम्बर 2025 को पार्टी के एक सम्मेलन में दीएला का परिचय कराया।
विशेषताएँ
- दीएला आवाज़ आधारित आदेशों पर कार्य कर सकती है।
- यह देश के डिजिटल सेवा पोर्टल के माध्यम से नागरिकों की विभिन्न प्रशासनिक मांगों और अनुरोधों को संभाल रही है।
- इसे भ्रष्टाचार कम करने, पारदर्शिता लाने और सरकारी प्रक्रियाओं को तेज बनाने के उद्देश्य से लागू किया गया है।
- यह सार्वजनिक निविदाओं का मूल्यांकन कर सकती है और योग्य कंपनियों को अनुबंध आवंटित कर सकती है।
भूमिका और कार्य
- दीएला का मुख्य कार्य सरकारी ठेकों का निष्पक्ष प्रबंधन और मूल्यांकन करना है।
- यह वैश्विक प्रतिभाओं को नियुक्त करने का अधिकार रखती है।
- प्रशासन में चल रहे भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की रोकथाम में मदद करेगी।
- एक डिजिटल अवतार के रूप में यह नागरिकों से सीधे संवाद भी कर सकती है।
प्रशासन पर प्रभाव
- दीएला की नियुक्ति से प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ने की संभावना है।
- सरकारी कामकाज में मानवीय पक्षपात, दबाव और धमकी जैसी चुनौतियाँ कम हो सकती हैं।
- साथ ही, यह कदम प्रशासन को डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन प्रदान करता है।
- हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें सुरक्षा जोखिम और मानवीय निगरानी की कमी जैसी चुनौतियाँ भी हो सकती हैं।
भविष्य और अन्य देशों के लिए सीख
- दीएला की सफलता अन्य देशों को भी यह सोचने पर मजबूर कर सकती है कि एआई को प्रशासनिक स्तर पर किस तरह शामिल किया जा सकता है।
- यदि यह प्रयोग सफल रहता है, तो आने वाले समय में एआई आधारित मंत्री या प्रशासनिक अधिकारी आम हो सकते हैं।
- भारत जैसे देशों के लिए भी यह प्रयोग यह संकेत देता है कि ई-गवर्नेंस और डिजिटल पारदर्शिता को और उन्नत किया जा सकता है।
- हालांकि, यह भी ज़रूरी है कि ऐसी प्रणालियों में मानवीय नियंत्रण और जवाबदेही बनी रहे।