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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक साझेदारी (GPAI)

(प्रारम्भिक परीक्षा : सामान्य विज्ञान; मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3 : सूचना प्रौद्योगिकी एवं कम्प्यूटर आदि सम्बंधित विषयों में जागरूकता)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence– AI) के ज़िम्‍मेदार और मानव-केंद्रित विकास तथा सकारात्मक उपयोग में सहायता करने हेतु हाल ही में, भारत  ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Global Partnership on Artificial Intelligence- GPAI) में संस्‍थापक सदस्‍य के तौर पर सम्मिलित हो गया है।

भारत के अलावा इस पहल से जुड़ने वाले अन्य सदस्यों में विश्व की अनेक बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ, जैसे- अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ (EU), ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, मैक्सिको, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर आदि शामिल हैं।

क्या है GPAI ?

  • GPAI, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) द्वारा मानवाधिकारों, समावेशन, विविधता, नवाचार और आर्थिक विकास में उपयोग का कुशल मार्गदर्शन करने हेतु एक अंतर्राष्ट्रीय और बहु-हितधारक पहल है।
  • प्रतिभागी देशों के विविधतापूर्ण अनुभवों का उपयोग करके कृत्रिम बुद्धिमत्ता से जुड़ी चुनौतियों और अवसरों की बेहतर समझ विकसित करने का यह अपने किस्‍म का पहला प्रयास भी है।
  • इस पहल के द्वारा अनुसंधानों और गतिविधियों की सहायता से AI से जुड़े सिद्धांतों (Theory) और व्यवहार (Practical) के बीच के अंतर को समाप्त करने की कोशिश की जाएगी।
  • GPAI को आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के पेरिस में स्थित सचिवालय सहित दो विशेषज्ञता केंद्रों द्वारा ज़रूरी सहायता प्रदान की जाएगी।
  • इस पहल के द्वारा अनेक उद्योगों, नागरिक समाज, सरकारों और शिक्षाविदों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास को बढ़ावा देने के लिये एक साथ लाया जाएगा। कोविड-19 के वर्तमान संकट से निपटने के लिये AI का प्रयोग किस प्रकार किया जा सकता है इस पर भी ध्यान दिया जाएगा।

भारत के लिये महत्त्व

  • GPAI में संस्थापक सदस्य होने की वजह से भारत समावेशी विकास के लिये डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उपयोग से जुड़े अपने अनुभवों का लाभ उठाते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के वैश्विक विकास में सक्रिय साझीदारी कर सकेगा।
  • ध्यातव्य है कि, भारत ने विगत वर्षों में अपनी विभिन्न नवोन्मेषी पहलों के माध्यम से देश के कुशल समावेशन और सशक्तीकरण को बढाने के साथ साथ शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, ई-कॉमर्स, वित्त, दूरसंचार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता का लाभ उठाने के अनेक प्रयास किये हैं।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्या है?

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता कम्प्यूटर विज्ञान की वह शाखा है जो कम्प्यूटर के इंसानों की तरह व्यवहार से सम्बंधित है। यह मशीनों की सोचने, समझने, सीखने, समस्या हल करने और निर्णय लेने जैसे रचनात्मक कार्यों को करने की क्षमता को बताती है। जॉन मैकार्थी इसके जनक माने जाते हैं।
  • यद्यपि कृत्रिम बुद्धिमत्ता को कई लोग निजता के अधिकार के लिये जोखिम के रूप में देखते हैं, कुछ इसे प्रौद्योगिकीय बेरोज़गारी के जनक के रूप में देखते हैं। कुछ लोग इसे इसलिये भी खतरनाक मानते हैं क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि इससे जुड़े आँकड़ों के माध्यम से कोई भी किसी की गतिविधियों, अतीत की बातों या किसी अन्य प्रकार की जानकारी कोबड़ी आसानी से हासिल कर सकता है।

(स्रोत: पी.आई.बी.)

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